ताले से जंजीर में जकड़ी स्ट्रेचर व व्हीलचेयर, बेटी को गोद में लेकर अस्पताल पहुंचा पिता
Sudhir Kumar
उत्तर प्रदेश सरकार भले ही प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने का दावा कर रही हो लेकिन इसकी जमीनी हकीकत कोसों दूर है। कहीं एम्बुलेंस ना मिलने से मरीजों को कंधे और ठेलिए पर ढोया जा रहा है कहीं संसाधन होने के बावजूद पीड़ितों को नहीं मिल पा रहे हैं। ताजा मामला हरदोई जिला का है। यहां जिला अस्पताल में प्रशासन की घनघोर लापरवाही देखने को मिली। कहने को तो अस्पताल में सब व्यवस्थाएं हैं पर जरूरतमंदों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है और जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिला अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों के लिए स्ट्रेचर व व्हील चेयर सब कुछ मौजूद है। अस्पताल परिसर में जगह-जगह सूचना भी लिखी है, कि “स्ट्रेचर व व्हीलचेयर उपलब्ध है” लेकिन उसमें ताला पड़ा है। इसके चलते तीमारदारों को मरीज गोद में लेकर जाना पड़ता है। यह हम नहीं बल्कि ये तस्वीर इसका जीता जगता उदाहरण है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को रद्देपुरवा मार्ग निवासी वंशी अपनी पुत्री रेखा को लेकर अस्पताल आया। रेखा चल नहीं पाती थी। आटो में रेखा को लेकर आया वंशी पहले स्ट्रेचर या व्हील चेयर खोजता रहा। ओपीडी के बाहर उसे रखी मिल भी गई लेकिन जब उसे उठाया तो देखा ताला पड़ा था। परेशान होकर वंशी अस्पताल गेट से ही पुत्री को गोद में लेकर आया।
अस्पताल में रोज दिखता है ऐसा नजारा
अस्पताल परिसर में मरीज और तीमारदार परेशान घूमते रहते हैं, लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिलता पर इसकी तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है। ये एक दिन का हाल नहीं ऐसा नजारा आप को यहां रोजाना दिखाई दे जायेगा। इस संबंध में सीएमएस डॉ. रामवीर ने बताया कि सभी मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं दी जाती हैं। स्ट्रेचर, व्हील चेयर में ताला कैसे पड़ा, इसकी वह जानकारी लेकर उचित कार्रवाई करेंगे। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या पीड़ितों को स्ट्रेचर और व्हील चेयर नसीब हो पाती है या नहीं, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।