अभी कुछ ही दिन बीते होंगे कि 15 दिन में अस्पताल में डॉक्टरों के साथ मारपीट और तोड़फोड़ की यह तीसरी घटना सामने आ गयी है। कुछ ही दिन पहले 24 सितंबर को बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल के फीमेल सर्जरी वार्ड और 3 अक्तूबर को मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा के पेइंग वार्ड में डॉक्टरों के साथ मारपीट हुई थी। दोनों मामले की जांच अभी तक चल रही है कि तीसरी घटना सोमवार को फिर सामने आ गयी है। वाराणसी के अर्दली बाजार में सुधा नर्सिंग होम में सोमवार को उदय प्रताप कॉलेज के छात्रों ने जमकर हंगामा-तोड़फोड़ की।
क्या है मामला
मामला यह है कि सुधा नर्सिंग होम में 4 अक्टूबर को कैमूर (बिहार) की मीरा सिंह को भर्ती कराया गया था। जिसमें रविवार को ऑपरेशन के बाद मीरा को सोमवार को डिस्चार्ज किया जाना था।
जबरन डिस्चार्ज कराने के लिए और पूरा भुगतान माफ करवाने के लिए लोग दबाव बना रहे थे। डॉक्टरों के बात ना मानने पर छात्रों ने डॉक्टरों के साथ मारपीट की.
साथ ही नर्सिंग होम में तोड़फोड़ भी किया। जिसके बाद तकरीबन आधे घंटे तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा।
सूचना मिलते ही एसपी क्राइम ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद, क्राइम ब्रांच प्रभारी विक्रम सिंह व कैंट इंस्पेक्टर राजीव रंजन उपाध्याय फोर्स के साथ पहुंचे।
तब तक सभी उपद्रवी भाग निकले। नर्सिंग होम के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से उदय प्रताप कॉलेज के दो छात्र को चिंहित कर लिया गया है।
नर्सिंग होम संचालक डॉ. के के सिंह की तहरीर पर कॉलेज के छात्र नेता प्रशांत पांडेय उर्फ बाघा और शिवम सिंह सहित 50 अज्ञात के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं फोर्स पहुँचने के बाद माहौल सामान्य हुआ।
डॉक्टर ने क्या है कहना:
नर्सिंग होम के डा. केके सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले यही छात्र चंदा वसूली के लिए उनके आए थे. चंदा देने से मना करने पर , आज वहीं छात्र एक मरीज का पैसा माफ कराने के लिए आये तो डॉक्टर ने कहा कि आप लोग जाइए, मैं पैसा कम कर दूंगा।
इस पर छात्रों ने कहा हम जितना कहेंगे उतना करिये. इस पर डॉक्टर ने छात्रों को बाहर बैठने को कहा. जिसके बाद इसी बात को लेकर छात्र उग्र हो गये और तोड़फोड़ शुरू कर दिए।
बहरहाल अगर पुलिस और प्रशासन ऐसे मामलों पर गंभीरता से ध्यान नहीं देंगे तो डॉक्टरों का काम मुश्किल हो जाएगा.