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गाजीपुर: सरकारी स्कूल में अव्यवस्थाओं के चलते छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

Students' futuristic future due to clutter in government school

Students' futuristic future due to clutter in government school

सरकारी स्कूलों में पढाई की उचित व्यवस्था हमेशा एक सवाल रही है. जनपद गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले पकड़ी प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय में भी कोई भी व्यवस्था ठीक नहीं है. न ही बच्चों के बैठने तक कि व्यवस्था है और न ही बिजली की.

बैठने के सीट न होने के कारण बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. बिजली नहीं है पर कंप्यूटर लैब है.

स्कूल के बच्चे उनकी मूलभूत जरूरत से दूर हैं. आजतक बच्चों ने कंप्यूटर पर काम करना तो दूर उसका मुंह तक नहीं देखा. ऐसे में बच्चे कैसे आधुनिक तकनीक को सीख पायेंगे ये एक बड़ा प्रश्न है.

समय से टीचर नहीं पहुंचते:

ग़ाज़ीपुर के पकड़ी गाँव के इस स्कूल में प्राइमरी और पूर्व माध्यमिक दोनों की कक्षाएं चलती हैं लेकिन दोनों स्कूल की हालत यह है कि न तो समय से टीचर यहां पहुचते हैं और न ही कर्मचारी ही समय से पहुचते हैं।

प्राथमिक स्कूल में तो हालत ये है कि किसी शिक्षक की नियुक्ति ही नही है केवल दो शिक्षा मित्रों के सहारे ये स्कूल चल रहा है। पूर्व माध्यमिक में कुल 5 शिक्षकों की नियुक्ति है। पता लगाने पर इस स्कूल में दो में से एक शिक्षा मित्र ही यहां उपस्थित मिलीं और केवल 3 शिक्षक मिले. दोनों स्कूल के प्रभारी दिनेश यादव हैं जो  कि प्रिंसिपल भी हैं पर वो बिना छुट्टी लिये स्कूल से गायब थे.

जब मीडिया की टीम पहुचीं तो जल्दी जल्दी रजिस्टर में अवकाश लिख दिया गया और मीडिया पहुँचने की खबर मिलते ही प्रभारी भागे भागे आ भी गये। वहीं यहां पढ़ रहे बच्चे भी पढ़ाई में बेहद कमजोर हैं और उनको अपने जिलाधिकारी और बीएसए तक का नाम नही पता है.

मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो भवन तो जर्जर है:

यदि विदयालय की मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो भवन तो जर्जर है ही बच्चों के बैठने तक की व्यवस्था नही है। फर्श पर बच्चे बैठते हैं पर वो भी टूटा हुआ है। बच्चे इसी टूटे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। क्लासरूम  में रौशनी तक की व्यवस्था नही है। बच्चे अंधेरे में बैठकर कैसे पढ़ते होंगे ये आसानी से समझा जा सकता है।

स्कूल में लगा एकमात्र हैंडपंप भी खराब पड़ा है जिसकी वजह से बच्चों को पीने का पानी तक नही उपलब्ध हो पा रहा है।क्लास रूम की स्थिति यह है कि जगह जगह से दीवारों से प्लास्टर उखड़ा हुआ है।स्कूल में चारो तरफ गंदगी देखी जा सकती है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि स्कूल में न तो पढ़ने का माहौल है और न ही पढ़ाने के लिये शिक्षक.

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