राजधानी लखनऊ के नवनियुक्त डीएम सत्येंद्र सिंह ने डीएम कार्यालय पहुंचकर अपना कार्यभार संभाल लिया है। शुक्रवार रात प्रशासनिक स्तर पर किये गए बड़े फेरबदल में लखनऊ के डीएम का भी तबादला किया गया था। यूपी में शुक्रवार को शासन ने 22 आईएएस और 83 पीसीएस अधिकारियों के ट्रांसफर कर दिए। इनमें लखनऊ के डीएम राजशेखर शामिल हैं। अब वे बरेली के डीएम बनाए गए हैं।
- सूत्रों की मानें तो मुलायम कुनबे की जमीन कॉमर्शियल करने पर आपत्ति करने के चलते ही लखनऊ के डीएम राजशेखर हटाए गए।
- नियमों को दरकिनार कर ये जमीनें कॉमर्शियल करने के आरोपी एलडीए वीसी सत्येंद्र सिंह लखनऊ के डीएम बनाए गए हैं।
- इन पर अपने आवासीय परिसर में कमर्शियल एक्टिविटीज करवाने के आरोप लग चुके हैं।।
- इनके घर के ऊपर मोबाइल टावर लगा था और बैंक की शाखा खोलने की भी पूरी तैयारी थी।
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विवादों की है लंबी फेहरिस्तः
- लखनऊ के डीएम बने सत्येंद्र सिंह, एलडीए वीसी से पहले बहराइच के डीएम थे।
- यह वहां वर्ष 2014 में अपने अर्दली से जूते के फीते बंधवाने को लेकर चर्चा में आए थे।
- जुलाई 2016 में वीसी सत्येंद्र सिंह ने रातोंरात करीब 1000 कर्मचारियों के विभाग बदल दिए थें।
- आरोप है कि इनमें जिन कर्मचारियों ने वीसी के गोरखधंधों के खिलाफ आवाज उठाई थी, उन्हीं को टारगेट किया गया।
- एलडीए के कर्मचारियों ने बताया कि जब इनके कारनामों को मीडिया ने छापना शुरू किया तो इन्होंने मीडियाकर्मियों से दूरी बनाना शुरू कर दिया।
- वीसी रहते हुए इन्होंने प्राधिकरण के ऑफिस के अंदर मीडिया के कैमरे पर बैन लगा दिया था।
- यही नहीं, एलडीए वीसी रहते हुए सत्येंद्र सिंह पेटीकोट घोटाले में भी अपनी फजीहत करवा चुकें हैं।
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रिलीव हो गए राजशेखरः
- डीएम राजेशखर ने रात में ही सीडीओ प्रशांत शर्मा को अपना चार्ज सौंप दिया।
- इसके बाद वह बरेली के लिए रिलीव हो गए।
- उन्होंने कहा कि करीब 925 दिन के कार्यकाल में लखनऊ वालों का बहुत सपोर्ट मिला।
- वह लखनऊ को कभी नहीं भूल पाएंगे।
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