सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) का शनिवार को 16वां स्थापना दिवस राजधानी लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में बड़े धूमधाम से मनाया गया। स्थापना दिवस पर आयोजित महारैली में शुक्रवार से ही हजारों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। स्थापना दिवस पर सुभासपा की ओर से आयोजित महारैली के माध्यम से पार्टी एजेंडे और लोकसभा की तैयारियों पर चर्चा की गई। ‘गुलामी छोड़ो-समाज जोड़ो’ के नारे के साथ रैली में पिछड़ा, अति पिछड़ा व अति दलित जाति में बंटवारा करने वर्ग दलित के बीच आरक्षण के बंटवारे की मांग को लेकर लड़ाई का ऐलान भी किया गया। पार्टी के राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता राणा अजीत सिंह ने बताया कि पिछड़ी जाति को मिल रहे 27% आरक्षण में पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग व सर्वाधिक पिछड़ी जाति में बंटवारा करने और अनुसूचित जाति के लिए निर्धारित 22.5% आरक्षण को भी दलित, अति दलित व महादलित के बीच में बांटने के लिए महारैली में आवाज बुलंद की गई।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]संगठन मजबूत करने पर पार्टी का विशेष ध्यान [/penci_blockquote]
बता दें कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर हैं। ओपी राजभर के दो पुत्र डा. अरविंद राजभर राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव व अरुण राजभर राष्ट्रीय महासचिव हैं। सुभासपा का मूल जनाधार राजभर समाज है। लेकिन, योगी सरकार में मंत्री बनने के बाद पार्टी ने अति दलितों और अति पिछड़ों की कई जातियों को जोडऩे का प्रयास किया है। लोकसभा चुनाव में राजभर भाजपा गठबंधन में ही रहने का दावा करते हैं लेकिन, मनमाफिक न होने पर राह बदलने की धमकी भी देते रहते हैं। इसलिए अब उनका पूरा जोर संगठन मजबूत करने पर है। राजभर हर माह अपने कार्यकर्ताओं का सम्मेलन करते रहते हैं। पार्टी का मुख्य उद्देश्य गरीबों की सहायता करना है। गरीबों के साथ अन्याय होते देख राजभर योगी सरकार में रहते हुए भी सरकार पर हमलावर रहते हैं। ओपी राजभर जमीन से जुड़े नेता होने के कारण जनाधार उनके साथ है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे राजभर [/penci_blockquote]
बता दें कि निकाय चुनाव से पहले सुभासपा ने अपने 15वें स्थापना दिवस पर लखनऊ में एक बड़ी रैली आयोजित करने का एलान किया था लेकिन, तब निकाय चुनाव के चलते रैली पर रोक लग गई। चुनाव आयोग आड़े आ गया और राजभर की हसरत अधूरी रह गई थी। लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव से पहले राजभर ने लखनऊ में महारैली का आयोजन किया। राजभर ने प्रदेश को तीन जोन पूर्वांचल, पश्चिम और मध्य क्षेत्र में बांटकर लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। इस बीच पार्टी में मंडल स्तर पर कोआर्डिनेटर तैनात किये गए हैं। पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि अगर भाजपा से उनकी बात नहीं बनी तो सुभासपा नुकसान पहुंचाने की भी रणनीति अपना सकती है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लोकसभा चुनाव पर रहा महारैली का पूरा फोकस[/penci_blockquote]
एससी-एसटी एक्ट में संशोधन को लेकर ओमप्रकाश राजभर खफा हैं और इसके दुरुपयोग की आशंकाओं को लेकर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया की है। यहां तक कि उन्होंने मायावती के शासन की भी तारीफ की है। इन दिनों बसपा नेतृत्व की तरफ उनका झुकाव भी बढ़ा है। उधर, सपा के बागी नेता शिवपाल सिंह यादव से भी राजभर की नजदीकी बढ़ रही है। ऐसे में उनके कदम पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। राजभर की पार्टी आर्थिक आधार पर आरक्षण के लिए न्याय पंचायत स्तर पर भी बैठक और सभा शुरू कर चुकी है। आर्थिक आधार पर आरक्षण की वकालत मायावती भी कर रही हैं। राजभर पिछले कुछ माह से सांसद अमर सिंह के भी संपर्क में हैं। फिलहाल महारैली का पूरा फोकस लोकसभा चुनाव पर रहा। महारैली में हजारों की संख्या में राजभर समाज के लोगों के साथ कई जातियों के लोग मौजूद रहे। रैली में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए थे।
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