सुल्तानपुर: यूपी के सुल्तानपुर में जमीनी विवाद के प्रतिशोध को लेकर दबंगों ने पत्रकार की बेटी को दिनदहाड़े मिट्टी का तेल डालकर आग के हवाले कर देने का मामला सामने आया है घटना में युवती का शरीर लगभग 80 फीसदी झुलस गया, तो वहीं परिजनों का आरोप है कि घटना की सूचना देने के बावजूद पुलिस घंटों तक नहीं पहुंची दबंगों द्वारा जलायी गयी युवती की दौरान इलाज ट्रामा सेंटर में कल देर रात मौत हो गयी है ।
क्या है पूरा मामला।
दरहसल मामला बल्दीराय थाना क्षेत्र के टंडरसा मजरे के ऐंजर गांव की है। गांव निवासी पत्रकार प्रदीप सिंह की लड़की श्रद्धा सिंह अपने दरवाजे पर स्थित नल पर पानी भर रही थी। तभी कुछ दबंग वहां पहुंचे। इन सभी ने सरेआम उसे बंधक बनाकर दरवाजे पर ही उसे जला दिया और फरार हो गए। आग की लपटों से घिरी बेटी की आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में उसे लोग सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनपत गंज लेकर आए। श्रद्धा सिंह की हालत सीरियस इस अवस्था में उसका मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान हुआ और फिर डाक्टरों ने उसे ट्रामा सेंटर लखनऊ रेफर कर दिया। जहां रात में उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई।
जमीन का चल रहा था विवाद।
मिली जानकारी के मुताबिक सुलतानपुर के थाना बल्दीराय क्षेत्र के टड़सा मजरे एंजर गांव निवासी पत्रकार प्रदीप सिंह ने परसौली में जमीनी विवाद चल रहा था।जिसके चलते दो पक्षों में कुछ माह पूर्व खुनी संघर्ष हुआ था,जिसमें दोनों पक्षों से लगभग आधादर्जन लोग घायल हुए थे, वही दूसरे पक्ष से एक वृद्ध की इलाज़ के दौरान मौत हो गयी थी, उक्त घटना में पुलिस ने मारपीट की घटना में बढ़ोत्तरी करते हुए हत्या की धारा को बढ़ाते हुए पत्रकार प्रदीप सिंह को जेल भेज दिया था। जहां पत्रकार की पत्नी की तहरीर पर भी गम्भीर धाराओं में बल्दीराय थाने पर मुकदमा तो पंजीकृत कर लिया गया वही आरोप है कि बल्दीराय पुलिस ने आरोपियों के प्रति प्रभावी निषेधात्मक कार्यवाही नहीं की,जिसके चलते बदले की भावना दूसरे पक्ष में बनी रही और आखिरकार दबंगों के द्वारा पत्रकार की बेटी श्रद्धा सिंह पर मिट्टी के तेल को डालते हुए आग के हवाले कर दिया गया।
मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया बयान।
80 फीसदी झुलसी युवती ने मौत के पूर्व मजिस्ट्रेट को अपना बयान दर्ज करा दिया है ,तो वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर मृतक का बयान वायरल हो रहा है जिसमें मृतका साफतौर पर दबंग सुभाष, महंथ व जयकरन का नाम लेती रही।
पुलिस पर भी सवाल।
जमीनी विवाद को लेकर हुए इस नृशंस हत्या काण्ड ने बल्दीराय पुलिस को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है । ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि पत्रकार प्रदीप सिंह की पत्नी की तहरीर पर पहले तो बल्दीराय पुलिस एफआईआर दर्ज करने से कतराती है लेकिन डीआईजी के आदेश पर घटना के चार दिन बीतने के बाद एफआईआर दर्ज तो की जाती है लेकिन अपराधियों पर कार्यवाही नहीं होने के चलते वे बेखौफ होकर घूमते नजर आए और इस नृसंश काण्ड को अंजाम दे डाला।
घटना के सम्बंध में बोले अधिकारी।
पुलिस अधीक्षक शिवहरी मीणा ने इस पूरे घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए बताया लड़की द्वारा आरोप लगाया गया है कि पड़ोस के कुछ लोगों द्वारा तेल छिड़ककर जला दिया गया परिजनों ने पुलिस की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया जिसके बाद उन्हें ट्रामा सेंटर रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पूर्व में दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ था जिसमे आरोपी पक्ष से एक हत्या भी हुई थी उस आरोप में युवती के पिता समेत 11 लोग जेल में है। फ़िलहाल पुलिस द्वारा उचित कार्यवाही की जा रही है।
इनपुट- ज्ञानेंद्र तिवारी