सुल्तानपुर। लम्भुआ थाना क्षेत्र के पैगूपुर खुनशेखपुर में  पुरानी रंजीश में दो पक्षों में हुए खूनी खेल में जमकर लाठी डंडों समेत सरिया के जरिए बाहुबल की अजमाइश सुनने को आई थी जिसमें महिलाओं समेत लगभग आधा दर्जन लोगों को गम्भीर चोटें आई थी। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को आनन-फानन में अस्पताल में दाखिल कराते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरु कर दी और वादनी शकुन्तला की तहरीर पर पांच नामजदों के खिलाफ जानलेवा हमला समेत कई गम्भीर धाराओं में नामजद मुकदमा पंजीकृत करते हुए जांच पड़ताल शुरु कर दी गयी थी। तो वहीं दूसरी तरफ आरोपीगण घटना के बाद फरार बताए जा रहे हैं ।

दौरान ईलाज अधेड़ की हुई मौत , माहौल हुआ गर्म।

खूनी संघर्ष में घायल हुए अग्नू की गम्भीर स्थिति को देखते हुए जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने लखनऊ रिफर कर दिया था,जहां जीवन व मौत से जंग लड़ रहे अग्नू ने दौरान ईलाज दम तोड़ दिया। जिसके बाद मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया। डेडबॉडी जब मृतक के पैतृक आवास पहुंची तो गांव में कोहराम मच गया और आनन-फानन में लम्भुआ पुलिस ने शांति व्यवस्था के मद्देनजर गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दी है लेकिन परिजनों ने शव के अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।

परिजनों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार।

मृतक अग्नू के पुत्र मंगला ने पिता के अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है जिसके बाद प्रशासन के हांथ-पांव फूलते नजर आ रहे हैं। मृतक के बेटे मंगला ने लम्भुआ पुलिस को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है, पुत्र मंगला की मानें तो लम्भुआ पुलिस ने परिजनों के द्वारा दी गयी तहरीर को ही बदलवा दिया है ,जो कि इनके द्वारा दी ही नहीं गयी थी। तो वही मंगला की मानें तो परिजन बरोजगार है जिनके सामने आर्थिक समस्या आ खड़ी हुई जिसको लेकर वह मुवाजे की मांग कर रहे हैं तो दूसरी तरफ शस्त्र लाइसेंस जारी करने के बाद अंतिम संस्कार करने की बात कही जा रही है। खबर लिखे जाने तक मृतक अग्नू का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है व प्रशासन के मान-मनौव्वल का दौर बेदस्तूर जारी रहा।

रिपोर्ट: ज्ञानेन्द्र

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