सुल्तानपुर: कोरोना महामारी को लेकर सतर्कता बरतने की जिम्मेदारी जिन खाकीधारियों के कंधों पर हो उन्हीं के जरिए गृहमंत्रालय द्वारा जारी कोविड के एडवाइजरी का जमकर माखौल उड़ाया जाए तो फिर महामारी के प्रसार पर रोक लगा पाना एक टेढ़ी खीर साबित होगी ।

ताजा मामला सुलतानपुर जनपद के दोस्तपुर थाने से जुड़ा बताया जा रहा है जहां निवर्तमान थानाध्यक्ष आरपी रावत के विदाई समारोह के दौरान दो गज की दूरी-मास्क है जरूरी के स्लोगन को तार-तार करते हुए जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के ही द्वारा कोविड 19 के प्रोटोकॉल को क्रैश किया गया , जिसके फोटोज शोसल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ पुलिस विभाग के जिम्मेदार अफसरान इस पर कुछ भी कहने से बचते नजर आ रहे हैं ।

जी हां जिस कदर कानून का अनुपालन करानें वाले यूपी पुलिस के सुलतानपुर जनपद के दोस्तपुर थाने के वर्दीधारियों की तस्वीरें शोसल मीडिया पर वायरल हो रही हैं उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोविड19 महामारी को खुले आम दावत दी जा रही है अगर यह पॉजिटिव हुए तो लाखों की आबादी पर संकट के बादल मड़राना लाजमी होगा । आम जनमानस को कानून का पाठ पढ़ाने वाले इस साहबानों को आखिरकार कौन पढ़ाएगा कानून का ककहरा ।

कोविड काल के दौरान जहां यूपी के डीजीपी व एडीजी एल ओ प्रशांत कुमार ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रदेश भर में हजारों लोगों पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमें दर्ज होने की बात कही तो आखिरकार इन कानून के रखवालों पर जिला प्रशासन महामारी अधिनियम के उल्लंघन पर कार्यवाही करने से गुरेज क्यों करता नजर आ रहा है ? ऐसे में यह कहना लाजमी होगा कि अपनों पे रहम-गैरों पे सितम की कानूनी प्रक्रिया जारी है ।

बात जहां लॉ एंड आर्डर की हो तो वहां एसपी सुलतानपुर खुद ब खुद सड़क पर उतर मोर्चा थामते नजर आते हैं जैसा वीडियो में साफतौर पर देखा जा सकता है , लेकिन मामला विभाग का आने के बाद जिम्मेदारान अपने कर्तव्यों से विमुख होते भी साफ तौर पर देखे जा सकते हैं।

जहां एक तरफ एसपी शिवहरि मीणा सड़कों पर उतर बगैर मास्क व शोसल डिस्टेंस को ना मानने वाली जनता को खुद पकड़वाते हुए पुलिस की गाड़ियों में डलवाते वीडियो में नजर आ रहे हैं

तो वहीं दूसरी तरफ इन वर्दीधारियों पर एसपी व जिम्मेदारों द्वारा कार्यवाही ना करना कानूनन रूप से कार्यवाही को मुंह चिढ़ाने जैसा साबित होता नजर आ रहे ।

आखिरकार देखना तो यह दिलचस्प होगा कि इन गैरजिम्मेदार वर्दीधारियों पर कब और कौन करेगा कार्यवाही ? या फिर कानून के मकड़जाल में सिर्फ और सिर्फ पिसते नजर आएंगे शहरवासी ।

रिपोर्ट: ज्ञानेन्द्र तिवारी

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