पूर्वांचल में लोग जिस कुख्यात अपराधी के नाम से थर-थर कांपते थे। आज उस मुन्ना बजरंगी की जेल में हत्या कर दी गई जिस पर करीब 40 हत्याओं का आरोप था। मुन्ना बजरंगी की हत्या ने योगी सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी। डॉन की हत्या के बाद एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कार्रवाई करते हुए जेलर सहित चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। एडीजी जेल ने बयान देते हुए कहा कि सोमवार सुबह 6:00 बजे जेल में झगड़े के दौरान मुन्ना को गोली मारी गई। उन्होंने बताया कि सुनील राठी ने गोली मारकर हथियार गटर में फेंक दिया। एडीजी ने जेल की सुरक्षा में गंभीर चूक बताया है। एडीजी ने कहा कि पूरे मामले में जांच के दिये गए हैं। मुन्ना बजरंगी का 4 डॉक्टर का पैनल पोस्टमार्टम करेगा। जेलर उदय प्रताप, शिवा जी यादव डिप्टी जेलर, हेड वार्डन रजिंदर सिंह, वार्डेन माधव कुमार सस्पेंड कर दिए गए हैं। DIG जेल को मौके पर भेजा गया है।
बता दें कि आज पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में मुन्ना बजरंगी की पेशी होनी थी। मुन्ना बजरंगी को रविवार झांसी जेल से बागपत लाया गया था। उसे तन्हाई बैरक में कुख्यात सुनील राठी ओर विक्की सुंहेड़ा के साथ रखा गया था। उसकी जेल में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। जेल में माफिया डॉन की हत्या से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। जेल के भीतर हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या से जेल प्रशासन पर कई सवालिया निशान उठने लगे हैं।
विपक्षी पार्टियों ने जेल प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर जेल में पिस्टल कैसे पहुंची। बताया जा रहा है कि मुन्ना के जेल के भीतर दो से तीन गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। इस पूरे मामले में पुलिस के आलाअधिकारी, एसटीएफ, डॉग स्क्वॉड, फिंगर प्रिंट मौके पर पहुंचे और घटना की तफ्तीश में जुट गए।