उत्तर प्रदेश की पूर्व समाजवादी सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति मौजूदा समय में जेल में बंद हैं, गायत्री प्रजापति पर एक महिला के साथ गैंगरेप और उसी महिला की नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ का आरोप था। मामले में पुलिस द्वारा चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इतना ही नहीं मामले में गायत्री प्रजापति को जमानत देने के मामले में जिला जज(supreme court Collegium) को भी निलंबित कर दिया गया था।
SC के कोलेजियम(supreme court Collegium) ने HC का जज बनाने की कर दी थी सिफारिश:
- सपा नेता गायत्री को गलत जमानत देने के मामले में जिला जज को निलंबित कर दिया गया था।
- वहीँ उसी जज को SC के कोलेजियम(supreme court Collegium) की ओर से हाई कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की गयी थी।
- लखनऊ के जिला जज ने गैंगरेप आरोपी गायत्री प्रजापति को गलत जमानत दी थी।
- जिसके बाद मामले की जांच IB को सौंपी गयी थी।
- IB की जांच में जिला जज समेत 3 वकीलों पर गड़बड़ी के आरोप लगे।
- जांच की रिपोर्ट के बाद तत्कालीन जिला जज का प्रमोशन रुका था।
- गौरतलब है कि, SC के आदेश पर ही गायत्री गैंगरेप और पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।
राज्य सरकार ने दी थी जमानत की याचिका को चुनौती(supreme court Collegium):
- गायत्री प्रजापति को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।
- जिसके बाद 25 अप्रैल को गायत्री को जमानत दे दी गयी थी।
- गायत्री की जमानत को राज्य सरकार द्वारा HC में चुनौती दी गयी थी।
- जिसके बाद HC ने गायत्री की जमानत को ख़ारिज करते हुए जिला जज को निलंबित कर दिया दिया था।