सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों से धोखाधड़ी के मामले में फंसे सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय की पैरोल अवधि 3 अगस्त तक के लिए बढ़ा दी है। हालांकि कोर्ट ने इसके साथ ही उन्हें 300 करोड़ रुपये और जमा करने के निर्देश दिए हैं, इसके लिए अदालत ने उन्हें तीन अगस्त तक का समय दिया है।
- पीठ ने सहारा समूह को 5,000 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी जुटाने के लिये उनकी दूसरी संपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरित करने की भी अनुमति दे दी।
- राय को जेल से जमानत के लिये 5,000 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त इतनी ही राशि की बैंक गारंटी भी देनी होगी।
- पीठ ने धन जुटाने के लिये सहारा समूह को उसके म्यूचुअल फंड, स्वर्ण जमाओं और शेयरों को बेचने की भी अनुमति दी है।
- सहारा को सर्किल रेट के 90 फीसदी तक के रेट में प्रॉप्रटी बेचने की इजाजत भी मिल गई है।
- पीठ ने इसके साथ ही समूह के एक अन्य निदेशक रवि शंकर दूबे और अशोक राय चौधरी को भी पैरोल पर रिहा कर दिया। इन्हें भी रॉय के साथ जेल भेजा गया था।
- सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर सुब्रत राय की पैरोल अवधि बढ़ाने की मांग को खारिज करते हुए कहा, ‘ऐसा नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह प्रक्रिया के गलत इस्तेमाल की तरह होगा।
- हम सावधान करते हैं कि हमारे आर्डर का अनुपालन नहीं होने की स्थिति में रॉय और दोनों अन्य निदेशकों को समर्पण करना होगा और वापस तिहाड़ जेल जाना होगा।
200 करोड़ जमा कराने पर बढ़ी थी पैरालः
- मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने विगत 6 मई को सहारा प्रमुख को उनकी मां के अंतिम संस्कार के लिए 4 हफ्ते की कस्टडी पैरोल दी थी।
- इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को सुब्रत रॉय की कस्टडी पैरोल को 11 जुलाई तक बढ़ाया था।
- अब कोर्ट ने उन्हें बाकी बचे 300 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा करने को कहा है।
- कोर्ट ने शर्त रखी थी कि उन्हें 500 करोड़ रुपए सेबी के पास जमा करने होंगे। इसमें से 200 करोड़ 11 जुलाई तक जमा करने थे।
- सुब्रत राय ने यह रकम 9 जुलाई को जमा करा दी थी।
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