सुप्रीम कोर्ट ने दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की आने वाली फिल्म पद्मावत की रिलीज को हरी झंडी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिल गया है तो इस फिल्म को रिलीज होने से क्यों रोका जा रहा है। पद्मावत फिल्म को 25 जनवरी को रिलीज किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।
फिल्म को रिलीज होने से नहीं रोका जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एमपी, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान के आदेश पर रोक लगा दी है।
यह राज्य अपने यहां फिल्म को रिलीज करने के खिलाफ हैं।
फिल्म निर्माताओं की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने पद्मावत की कार्यवाही के दौरान सुप्रीम कोर्ट में कहा
कि, “केंद्र सरकार से गुजारिश है कि वह राज्य सरकारों को एक बेहतर और प्रभावी कदम और समाधान के लिए निर्देश दे।
यदि राज्य एक फिल्म पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, तो यह संघीय ढांचे को नष्ट कर रहे हैं।
यह गंभीर मुद्दा है। अगर किसी को कोई समस्या है, तो वह राहत के लिए अपीलीय ट्रिब्यूनल में अप्रोच कर सकता है।
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राज्य को किसी फिल्म की सामग्री को छूने का हक नहीं है।
” आपको बता दें कि राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म पद्मावत में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है,
जबकि फिल्म से संबंधित लोगों ने इससे इनकार किया है।
राजपूत संगठनों की आपत्ति के बाद राज्य सरकारों ने फिल्म की स्क्रिनिंग पर रोक लगा दी थी।
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अब पद्मावत के निर्माता देशभर के सिनेमाघरों में 24 जनवरी को इसका पेड प्रीव्यू रखेंगे।
‘पद्मावत’ के डिस्ट्रीब्यूटर्स 24 जनवरी की रात 9.30 बजे स्क्रीन होने वाले शोज का भुगतान करके उसकी जगह
‘पद्मावत’ को स्क्रीन करेंगे। फिल्म एक्सपर्ट की राय में ऐसा करने से
‘पद्मावत’ के मेकर्स को फिल्म को लेकर चल रही अफवाह को गलत साबित करने का मौका मिलेगा।