पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई में CJI ने आरोपों को बताया गंभीर

संसद के मॉनसून सत्र में छाये रहने के बाद अब पेगासस जासूसी विवाद देश के उच्चतम न्यायालय में पहुंच गया है। THE HINDU समाचार के एन. राम सहित कई लोगों की याचिका पर सुनवाई शुरू करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीर बताया है।

भारत सरकार द्वारा इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करके भारतीय राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की कथित तौर पर जासूसी वाली रिपोर्टों की उच्चतम अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली कई लोगों की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के एक बैच ने आज 5 अगस्त को सुनवाई शुरू की।

 

ज्ञात हो कि इस बारे में एन.राम सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है। इस याचिका की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, “पेगासस एक दुष्ट तकनीक है जो हमारी जानकारी के बिना हमारे जीवन में प्रवेश करती है। यह हमारे गणतंत्र की निजता, गरिमा और मूल्यों पर हमला है।”

 

कपिल सिब्बल का पक्ष सुनने के बाद सुनवाई शुरू करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि अगर रिपोर्ट सही है तो इसमें कोई शक नहीं कि आरोप गंभीर हैं।

 

ज्ञात हो कि पेगासस जासूसी प्रकरण की शुरुआत तब हुई जब अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस का उपयोग करके विश्व के कई नेताओं, कार्यकर्ताओं, व्यापारियों और पत्रकारों के फोन कॉल्स को उनकी अनुमति के बगैर रिकार्ड किया गया है।

 

इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि इस लिस्ट में भारत के भी तीन सौ से ज्यादा लोग शामिल हैं। इस रिपोर्ट के आने के बाद से ही संसद में विपक्षी नेताओं ने मांग शुरू कर दी कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के देखरेख में जांच होनी चाहिए। सरकार द्वारा इस बारे में पहल न करने के कारण एन.राम सहित कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है, जिसपर आज से सुनवाई शुरू हुई।

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