सुप्रीम कोर्ट ने CBSE और ICSE के खिलाफ स्टूडेंट्स की तरफ से की गई याचिकाओं को ठुकराया

देश की सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में स्टूडेंट्स के द्वारा केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और इंडियन सर्टिफिकेटऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईसीएसई) के खिलाफ की गई याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में सीबीएसई और आईसीएसई द्वारा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करने के खिलाफ अपील की गई थी। साथ ही इन दोनों बोर्ड को फिर से परीक्षाएं आयोजित करवाने का आदेश देने का निवेदन सुप्रीम कोर्ट से किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टूडेंट्स पक्ष से की गई सभी याचिकाओं को रद्द करने के साथ ही परीक्षा पैटर्न का मूल्यांकन करने के लिए बोर्ड द्वारा लाई गई मूल्यांकन योजना को आगे बढ़ाने की भी अनुमति दे दी।

 

ज्ञात हो कि कोरोना महामार के बीच सीबीएसई द्वारा 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित करने के घोषणा के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी पक्षों की विशेष बैठक बुलाकर सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा कर दी थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशन में 12वीं बोर्ड के परीक्षा के रिजल्ट तैयार करने के लिए एक पैटर्न बनाने का निर्देश सीबीएसई को दिया था।

 

विगत दिनों सीबीएसई, सुप्रीम कोर्ट के आलोक में 12वीं परीक्षा के परिणाम तैयार करने के लिए एक पैटर्न लेकर आया, जिसमें 12वीं बोर्ड के परिणाम में 10वीं के नंबरों को 30% वेटेज, 11वीं के नंबरों को 30% वेटेज और 12वीं के नंबरों को 40% वेटेज दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई की इस व्यवस्था को मंजूरी दी थी। सुप्रीम कोर्ट के इसी निर्णय के बाद कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गया थी, जिसपर सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए सीबीएसई और आईसीएसई से अपने बनाए पैटन से 12वीं के परिणाम तैयार करने को कहा गया है।

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