16 दिसंबर 2012 की वो तारीख जिसने देश की राजधानी दिल्ली को शर्मसार कर दिया। वही काली रात जिस दिन चलती बस में एक लड़की पर ऐसे जुल्म ढ़ाए गए जो कल्पना से परे था। एक लड़की जो डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहती थी लेकिन वह खुद उस दिन लोगों की मदद के लिए तरसती रही।

निर्भया को उस रात गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां 11 दिन तक मौत से लड़ते-लड़ते आखिरकार वह जिंदगी की जंग हारकर निर्भया इस दुनिया को छोड़कर चली गई। लेकिन वो जाते-जाते छोड़ गई इंसाफ की लड़ाई, जिसे उसके मां-बाप ने आगे बढ़ाया और अपनी बेटी को न्याय एवं अपराधियों को सजा दिलाई। 

देश को झकझोर देने वाले निर्भया केस में 5 मई को शीर्ष अदालत द्वारा दोषियों को मौत की सजा बरकरार रखने का फैसला सुनते ही कोर्ट में मौजूद निर्भया के मां-बाप के इंसाफ की आस पूरी हो गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पूरे देश में लोग ने संतुष्टि जताई।

उत्तर प्रदेश में महिला संगठनों ने फैसले को बताया राहतकारी :

  • उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री स्वाती सिंह ने इस फैसले पर अपनी भावना को साझा किया।
  • उन्होंने देश को उद्वेलित कर देने वाले निर्भया केस पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
  • उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अभियुक्तों पर कठोरतम दण्ड को बरकरार रखना महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के मद्देनजर बहुत बड़ा फैसला है।
  • इस फैसले से महिलाओं में सुरक्षा की भावना और न्याय में विश्वास बढ़ा है।
  • स्वाती सिंह ने निर्भया के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
  • कहा कि इस निर्णय से निश्चय ही उन्हें राहत का अहसास हुआ होगा।
  • उन्होंने कहा किसी भी मां के लिए अपनी बेटी के साथ घटित ऐसे दर्दनाक हादसे को सहन करना बेहद मुश्किल है।
  • मैं आज निर्भया के परिवार को विशेष रुप से धन्यवाद देना चाहूंगी कि उन्होंने न्याय के प्रति अपनी आस्था और धैर्य को बनाए रखा।
  • रेड बिग्रेड की मुखिया ऊषा विश्वकर्मा ने कहा कि निर्भया कांड पर फैसला देर से आया।
  • जबकि इस मामले में तत्काल कार्रवाही के बाद फैसला आ जाना चाहिए।
  • उन्होंने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
  • भारतीय महिला फेडरेशन की प्रदेश अध्यक्ष आशा मिश्रा का कहना है कि निर्भया के माता-पिता ने
  • अपनी बेटी के गुनाहगारों को उनके सही अंजाम तक पहुंचाने लिए काफी लंबा संघर्ष किया है।
  • उनके इस जज्बे से समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा।
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