उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बैरिया विधानसभा के मनबढ़ भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह(surendra singh Hooliganism) ने अपने साथियों के साथ मिलकर ऑन ड्यूटी वन कर्मियों को बुरी तरह से पीटते हुए उनका पैर तोड़ दिया था, जिसके बाद मंगलवार को उत्तर प्रदेश सहायक वन कर्मचारी संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। भाजपा विधायक की गुंडागर्दी को आज पांच दिन हो चुके हैं, उसके बावजूद भी बलिया पुलिस ने अभी तक मामले में प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की है।
DGP के आश्वासन की बलिया पुलिस ने उड़ाई धज्जियाँ(surendra singh Hooliganism):
- बैरिया विधानसभा से भाजपा विधायक ने साथियों संग अपनी ड्यूटी निभा रहे वन कर्मी को बुरी तरह पीटा था।
- 5 दिन बीत जाने के बाद भी घटना को लेकर बलिया पुलिस ने FIR तक दर्ज नहीं की है।
- वहीँ सूबे के DGP सुलखान सिंह ने खुद वन कर्मियों को इस बात का आश्वासन दिया था।
- DGP सुलखान सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा था कि, प्राथमिकी भी दर्ज होगी और कार्रवाई भी होगी।
- साथ ही उन्होंने वन कर्मियों का मनोबल न टूटने देने की भी बात कही थी।
कैसे रुके अवैध खनन जब सरकार के विधायक ही गुंडागर्दी पर आमादा(surendra singh Hooliganism):
- मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश की बागडोर सँभालते ही अवैध खनन को पूरी तरह से रोकने की बात कही थी।
- लेकिन खुले आम भाजपा विधायक गुंडागर्दी कर वन कर्मियों को पीट रहे हैं, जिससे वन कर्मियों में हताशा फैली हुई है।
- वहीँ भाजपा विधायक की ऐसी हरकतों और उनपर कार्रवाई न होने से जिले के अवैध खनन माफियाओं के हौंसले बढ़ गए हैं।
- ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अवैध खनन को खत्म करने के सपने का क्या होगा?
- लेकिन शासन और प्रशासन की अनदेखी कुछ और ही जाहिर कर रही है।
- संघ के महामंत्री अमित कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले में UttarPradesh.Org से बात की और जानकारी दी कि,
- बलिया पुलिस और जिलाधिकारी का कहना है कि, मामले में ऊपर से अभी तक कोई आदेश नहीं आया है।
- ज्ञात हो कि, वन कर्मचारी FIR दर्ज कर कार्रवाई के लिए प्रदर्शन पर बैठे हुए हैं, उसके बावजूद प्रशासन ने कोई हरकत नहीं की है।
मुख्य सचिव समेत पूरे प्रशासन को खबर, लेकिन कार्रवाई नहीं(surendra singh Hooliganism):
- भाजपा विधायक द्वारा वन कर्मी को बुरी तरह पीटे जाने के मामले की खबर प्रशासन में सभी को पता है।
- संघ के प्रांतीय महामंत्री अमित श्रीवास्तव ने बताया था कि,
- “प्रमुख सचिव वन, प्रमुख सचिव गृह समेत मुख्य सचिव को भी मामले की जानकारी है”।
- इसके साथ ही वन कर्मियों का कहना है कि, अगर मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गयी तो संघ प्रदेशव्यापी आन्दोलन की राह पकड़ेगा।