रायबरेली नरसंहार के आरोपियों को बचाने में जुटे स्वामी प्रसाद मौर्या (swami prasad maurya) का विवादों से गहरा नाता है. अपने तीखे और विवादित बयानों के कारण बसपा में रहते भी इन्हे आलोचना झेलनी पड़ी थी. स्वामी प्रसाद मौर्या अक्सर अपनी मर्यादा पार कर जाते हैं, जिसको लेकर कई बार उन्हें आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा है.
गणेश-लक्ष्मी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर भी हुई थी किरकिरी:
- बसपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा था कि शादियों में गौरी-गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए.
- उन्होंने कहा था कि यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है.
- उन्होंने कहा था हिंदू धर्म में सुअर को वराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं.
- गधे को भवानी, चूहे को गणेश तो उल्लू को लक्ष्मी की सवारी कहकर पूजते हैं.
- लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दिया जाता है.
- इस बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ था.
- विहिप ने उनपर हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप लगाया था.
- इसको लेकर बसपा सुप्रीमो ने उस वक्त स्वामी प्रसाद से स्पष्टीकरण भी माँगा था.
- मौर्या ने यूपी चुनाव के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी शीला दीक्षित को रिजेक्टेड माल तक बोल दिया था.
- उस वक्त भी स्वामी प्रसाद के बयानों की तीखी आलोचना हुई थी.
भाजपा नेता ‘स्वामी’ के रवैये पर मौन:
- स्वामी प्रसाद मौर्या ने जिस प्रकार से खुलकर रायबरेली हत्याकांड के आरोपियों की वकालत की है, उसके बाद बीजेपी सकते में हैं.
- सीएम योगी फ़िलहाल गोरखपुर दौरे पर हैं.
- वहीँ डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या का भी बयान नहीं आया है.
- पार्टी के प्रवक्ताओं ने चुप्पी साध ली है.
- डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने तो साफ इंकार कर दिया कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने कुछ गलत बात कही हो.
- हालाँकि कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक जरूर सरकार का पक्ष रखते नजर आये.
- स्वामी प्रसाद मौर्या ने लगातार मारे गए लोगों को लेकर झूठ फैलाया और आरोपियों को पनाह देने का काम किया.
- अब देखंने वाली बात है कि स्वामी प्रसाद के प्रति सीएम योगी आदित्यनाथ का रुख क्या होता है?