साइबर अपराधियों ने तगड़ा चूना लगाया :
कैसे बिना पैसे फ्री होती थी यात्रा:
इस फ्री टिकिटिंग को हर वह व्यक्ति कर सकता है जो थोड़ा-बहुत भी कंप्यूटर का जानकार है. और जो इसमें महारथ रखते हैं उसके लिए यह फ्री बुकिंग बाएं हाँथ का खेल है. बस करना क्या है कोडिंग को डिकोडिंग और हो गया परिवहन को पेमेंट, वो भी बिना आपके पैसे दिए.
इस काम को करने वाले कोई ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है पर उनको महारथ ऐसी हासिल है जिसके दम पर उन्होंने परिवहन विभाग में बैठे सुपर काप को हिला देने वाला काम किया है.
बता दें जब से परिवहन सड़क विभाग में ऑनलाइन बुकिंग सेवा शुरू हुई है, तभी से ही विभाग की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा में इस कमी के कारण अरबों का नुकसान हो रहा हैं.
पर गौरतलब बात ये है वेबसाइट की इतनी बड़ी त्रुटी के बारे विभाग को ज्ञात ही नहीं था. अधिकारी तो लगातार विभाग को फायदे में बताने के दावे करने में लगे हुए थे. जबकि इसके उल्ट विभाग को अब तक अरबों का नुकसान उनकी फ्री टिकेट सुविधा से हुआ है.
बंद हुई ऑनलाइन बुकिंग सेवा:
वहीं इस पूरे मामले के सामने आने के बाद परिवहन विभाग ने आज अचानक विभाग की वेबसाइट से ऑनलाइन टिकेट बुक करने की सुविधा बंद कर दी.
परिवहन विभाग ने फर्जीवाड़े को स्वीकार किया हैं. जिसके बाद ऑनलाइन बुकिंग सेवा बंद कर दी गयी. इस बाबत परिवहन मंत्री स्वत्रंत देव सिंह ने कहा कि जल्द टिकेट बुकिंग सुविधा शुरू की जाएगी. वहीं मामले की जांच भी करवाई जा रही हैं.
इतना ही नहीं उन्होंने बैंकों से इस नुकसान की भरपाई करवाने की तरफ भी इशारा किया. विभाग के एमडी पी गुरु प्रसाद ने भी आश्वासन दिया कि बिना पैसे दिए फर्जी टिकेट बुक किया जाने के मामले में जांच हो रही हैं. एफआईआर भी जल्द की जाएगी.