उत्तर प्रदेश में करीब आते विधानसभा चुनाव के बीच सूबे में गाली-गलौच की सियासत शुरू हो गयी है। भाजपा से निष्कासित नेता दयाशंकर सिंह ने बसपा सुप्रीमों मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग किया। जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा। भाजपा ने दयाशंकर को सभी पदों से बर्खास्त करते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया।
- इसके बाद लखनऊ में हुए बसपा के विरोध प्रदर्शन में पार्टी के नेताओं और समर्थकों की ओर से अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया गया।
- आरोप है कि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दकी के नेतृत्व में दयाशंकर के परिवार की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की गई।
- बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन के खिलाफ कार्रवाई न होने के विरोध में स्वाति सिंह ने रविवार को धरने पर बैठने का ऐलान किया था।
- हालांकि बाद में वह अपने फैसले से पीछे हट गईं। बताया जा रहा है कि सपा की राज्यमंत्री जूही सिंह से मिले आश्वासन के बाद स्वाति ने धरना स्थगित कर दिया।
- धरना स्थगित करने के बाद स्वाति ने राज्यपाल से रविवार को 2.30 बजे दोपहर में मुलाकात की।
- स्वाति ने राज्यपाल राम नाईक से मिलकर बसपा नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी की गिरफ्तारी की मांग की।
- स्वाति सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को बसपा के प्रदर्शन की सीड़ी सौंप दी है।
- कहा जा रहा है कि सीडी में बसपा के बड़े नेता मंच से अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहें हैं।
- स्वाति सिंह राज्यपाल से आरोपियों पर पाक्सों एक्ट के तहत कार्यवाही करने की मांग भी रखी।
स्वाति सिंह ने उठाये बसपा सुप्रीमों पर सवालः
- स्वाति सिंह ने मायावती पर पलटवार करते हुए कहा कि मायावती मुझे तो नसीहत दे रहीं है, उन्होंने खुद महिलाओं के लिए क्या किया?
- स्वाति सिंह ने कहा कि मायावती की इज्जत बहुत बड़ी, आम आदमी की इज्जत का क्या?
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