15 अगस्त को जब लाल किले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छता की बात कही तो उस वक्त लोगों को लगा कि यह बहुत छोटा काम है लेकिन स्वच्छता अब एक मिशन बन चुका है। जिसके लिए सरकार अरबों रूपया पानी की तरह बहा रही है लेकिन स्वच्छता के नाम पर अरबों रूपया आने के बाद भी विभागीय अधिकारी प्रधानमंत्री के सपनों को कैसे तार-तार कर रहे है। इसकी बानगी गाजीपुर जिले के मनिहारी ब्लाक के मसुदपुर गांव में देखने को मिल रहा है, जहाँ पर पिछले तीन साल कोई सफाईकर्मी नहीं होने की वजह से गांव में कुड़े का अंबार नजर आ रहा है। वहीं अगर विभागीय अधिकारी की मानें तो इस गांव की सफाई की जिम्मेदारी एक लापता सफाईकर्मी के कंधों पर है।
जनपद गाजीपुर जो भारत सरकार के रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा का संसदीय क्षेत्र है, वहीं गाजीपुर का पड़ोसी जनपद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में गाजीपुर के पंचायती राज विभाग जिसके ऊपर गाजीपुर के 1250 ग्रामसभाओं की स्वच्छता और सफाई की जिम्मेदारी है। धातव्य हो कि पंचायती राज विभाग के द्वारा प्रति माह करोड़ों रूपए सफाई कर्मचारियों के वेतन के रूप में दिया जाता है। जहाँ करोड़ों रूपए सफाईकर्मी के वेतन पर खर्च की जाती हो उस जिले के ग्राम सभाएं चमकती नजर आनी चाहिए।
हकीकत से कोसों दूर
गाजीपुर जिले के मनिहारी ब्लाक के ग्राम सभा मसुदपुर का जब निरिक्षण किया गया तो इस गांव में चारों ओर नालियां और खडं़जों के साथ ही बुनियादी जरूरत की सभी चीजें मौजूद तो नजर आई लेकिन साथ ही यह भी नजर आया कि गांव की सभी नालियां बजबजा रही है। गली और नालियां कुड़ों से भरा पड़ा है। बजबजाती नालियां इतनी ज्यादा बदबू कर रही है कि रास्ते से गुजरते वक्त मुँह पर रूमाल रख कर चलना पड़ता है। जिससे बीमारी फैलने की आषंका बनी रहती है। इस गांव में स्वच्छता नाम की चीज कहीं भी नहीं है। इस बारे में जब प्रधान पति शमशेर अहमद से जानकारी ली गई तो बताया कि इस गांव में पिछले तीन साल से सफाई कर्मचारी का दर्शन तक नहीं हुआ।
पैसे देकर करवाना पड़ता है सफाई
यदि किसी के घर में शादी-विवाह के मौके पर जरूरत पड़ती है तो ग्राम प्रधान से कहा जाता है जिसके बाद निजी सफाईकर्मियों के माध्यम से पैसा देकर सफाई करावाया जाता है। वहीं ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान द्वारा दर्जनों बार ब्लाक और जिला मुख्यालय पर सफाई कर्मचारी के नियुक्ति के लिए पत्र देकर और मौखिक रूप से मांग किया गया। आरोप लगाया है कि लिखित और मौखिक रूप से बार-बार सूचना दिए जाने के बावजूद अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है बल्कि कर्मचारी के नियुक्ति के करने के लिए अपरोक्ष रूप से पैसे की डिमांड करते है।
सफाई कर्मचारी तैनात, पर लापता है
अपर पंचायत राज अधिकारी श्री प्रकाश सिंह से इस संदर्भ में जानकारी ली गई तो उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि वहां पर सफाई कर्मचारी तैनाती की गई है लेकिन वह लापता है। वहीं जिलाधिकारी गाजीपुर के.बाला जी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि लापता सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही गांव में स्पेशल टीम भेज कर स्वच्छ भारत मिशन का काम किया जाएगा। सफाई कर्मचारी की जरूरत है तो वो भी किया जाएगा।