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सावधान….रंगीन बर्फ के नाम पर बाजार में बिक रहा मीठा ‘जहर’

Sweet poison sold in the market on the name of colorful ice

Sweet poison sold in the market on the name of colorful ice

अमेठी में बिकने वाली सस्ती आइसक्रीम अगर आप अपने बच्चो को दिलाते हैं तो सावधान हो जाएं, कम दामों पर गली-मोहल्लों में बिकने वाली ऐसी आइसक्रीम में कपड़े रंगने वाला रंग ही नहीं,पोस्टर कलर मिला हो सकता है। असल में उमस भरी गर्मी शुरू होने व पारा चढ़ने के साथ ही अमेठी में सस्ते दामों में मुहैया हो जाने वाली घटिया आइसक्रीम का कारोबार चमक उठा है।

सेंटिंग पास-दावा फेल-

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कुछ फैक्ट्रियों का सैम्पल कलेक्ट कर जिम्मेदार सरकारी विभाग अपना दायित्व हर वर्ष निभाने का दावा करते है यही वजह है कि गर्मी शुरू होते ही अमेठी में ऐसी कई फैक्ट्रियां संचालित हो जाती हैं जहां हानिकारक आइसक्रीम तैयार कर इसे धडल्ले से बेचना शुरू कर दिया जाता है असल में ऐसी फैक्ट्रियों के पास न तो जरुरी लाइसेंस होता है और न ही निर्धारित मानकों का ध्यान रखा जाता है ।

शुकुलबाज़ार के क्षेत्रवासी चिंतित-

अमेठी के शुकुल बाजार में चल रही आइसक्रीम फैक्ट्रियों में मानक विहीन और गुणवत्ताहीन आइसक्रीम बनाने का आरोप है। यहाँ के लोगों के कहना है प्रशासन से सेटिंग कर फैक्ट्री मालिक खुलेआम आइसक्रीम के नाम पर जहर बना रहे है। जिसको खाकर मासूम बच्चे गम्भीर बीमारियों के चपेट में आ जाते है।

खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम की शर्तों का नही हो रहा पालन-

खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम की शर्तों का पालन ऐसी फैक्ट्रियों में हो ही नहीं रहा स्वाद व रंग के लिए सैक्रीन, घटिया रंग, फलों के सस्ते पल्प और हानिकारक मिल्क पाउडर डालकर तैयार की जाने वाली ऐसी आइसक्रीम के सेवन से बच्चे ही नहीं बड़े भी बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं ऐसा नहीं है कि अवैध तरीके से संचालित और घटिया आइसक्रीम बनाने के इस गोरखधंधे की जानकारी सम्बन्धित सरकारी महकमों को नहीं है।

कैंसर कालरा जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा-

चिकित्सकों के मुताबिक ऐेसे रंग की आइसक्रीम के सेवन से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा होता है खाद्य निरीक्षकों की माने तो क्रीम वाली आइसक्रीम में एगमार्क का मिल्क पाउडर इस्तेमाल किया जाना चाहिए पर सस्ती आइसक्रीम बेचने वाली कम्पनियां घटिया मिल्क पाउडर ही उपयोग करती हैं जिनमें मानक के अनुरूप न तो दो फीसदी फैट होता है और न ही निर्धारित मात्रा में प्रोटीन चिकित्सक बताते हैं कि यदि आइसक्रीम में दशमलव बाइस पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) से अधिक रंग है तो यह हानिकारक होगा चिकित्सकों के मुताबिक ऐसी फैक्ट्रियों में तैयार आइसक्रीम के सेवन से हैजा, कालरा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

इनका कहना है-

खाद्य सुरक्षा अधिकारी मुसाफिरखाना तहसील रोशन सिंह बिना लाइसेंस वाली व मानक विहीन उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियों को चिन्हित करा उनके खिलाफ जल्द कड़ी कार्रवाई कराने का दावा कर रहे हैं।

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