राजधानी के सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ लापरवाही का ये मामला नया तो नहीं है लेकिन, पहले पीजीआई और अब उसके बाद केजीएमयू ने भी इलाज में लापरवाही ये साबित कर दिया की सरकार चाहे लाख कोशिश कर ले वो अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आएंगे। नया मामला केजीएमयू का है जहाँ एक स्वाइन फ्लू मरीज के इलाज में लापरवाही बरती गयी। परिवारीजनों का आरोप है कि केजीएमयू डॉक्टरों ने जबरन स्वाइन फ्लू मरीज को डिस्चार्ज कर दिया। नतीजतन घर पहुंचते ही मरीज की सांस थम गई। मामले में केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि लिखित शिकायत पर ही मामले की जांच कराई जाएगी।
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केजीएमयू को जारी हो सकता है नोटिस
- बीते 25 जून को तेज बुखार व जुकाम के बाद हरदोई के शाहाबाद निवासी एक मरीज को केजीएमयू लाया गया।
- ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टरों ने मरीज को भर्ती कर लिया।
- डॉक्टरों ने स्वाइन फ्लू की आशंका जाहिर की। जांच कराई। जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई
- परिवारीजनों का आरोप है कि इलाज के बावजूद मरीज की सेहत में सुधार नहीं हो रहा था।
- आरोप हैं कि मरीज को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया। घर पहुंचते ही मरीज की मौत हो गई
- केजीएमयू प्रशासन का कहना है कि लिखित शिकायत पर मामले की जांच कराई जाएगी।
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वहीं स्वाइन फ्लू मरीज की जानकारी छुपाने के आरोप में स्वास्थ्य विभाग ने केजीएमयू को नोटिस जारी करने का फैसला किया है।
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डेंगू ने तीन और नए मरीजों को अपनी चपेट में ले लिया है।
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तीनों मरीजों का इलाज केजीएमयू में चल रहा है।
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जनवरी से अब तक 17 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
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लगातार डेंगू मरीजों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग के अफसर हलकान हैं।
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केजीएमयू में तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
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डालीगंज केसरीपुर निवासी 20 साल के विमल बीते कई दिनों से बुखार आ रहा है।
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जाड़ा लगकर तेज बुखार आने पर परिवारीजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे।
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यहां जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है।
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इसी तरह अलीगंज स्थित शेखुपुरा निवासी आनंद स्वरूप में डेंगू की पुष्टि हुई।
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त्रिवेणीनगर कंचनपुरम निवासी वैशाली गुप्ता में भी डेंगू की पुष्टि हुई।
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वैशाली को कई दिनों से बुखार आ रहा है।
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