शहर में स्वाइन फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शनिवार को ही हजरतगंज में तैनात एक महिला सिपाही और केजीएमयू की एक नर्स समेत 20 लोगों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। इसमें से आठ लोग अस्पताल में भर्ती हैं, जबकि बाकी का इलाज उनके घर पर चल रहा है। एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी ने बताया कि नए मरीज हजरतगंज, तेलीबाग, चिनहट, रकाबगंज, सुशांत गोल्फ सिटी, रजनी खंड, राजाजीपुरम, गोमतीनगर, कृष्णानगर, अर्जुनगंज और सआदतगंज इलाके के रहने वाले हैं। इनमें से हजरतगंज थाने में तैनात महिला सिपाही को लोकबंधु अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जबकि सात मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। एसीएमओ के मुताबिक नए केस जोड़कर राजधानी में स्वाइन फ्लू मरीजों का आंकड़ा 207 तक पहुंच गया है।
स्वाइन फ्लू का असर कम नहीं हो रहा है। शनिवार को भी आठ बच्चों समेत 20 लोगों को स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। इसमें से आठ लोग पीजीआई, केजीएमयू समेत अन्य अस्पतालों में भर्ती हैं। इसके अलावा 12 लोगों का घर पर ही इलाज चल रहा है। आठ बच्चों को स्वाइन फ्लू मेंहदीगंज बाजारखाला के दो वर्ष के मासूम को स्वाइन फ्लू हुआ है। इसके अलावा अर्जुनगंज के एक साल के बच्चे, गोमती नगर गंगा अपार्टमेंट का पांच साल के बच्चे, गोमती नगर कठौता चौराहा स्थित अपार्टमेंट निवासी भाई (तीन) और बहन (पांच) अस्पताल में भर्ती है।
साईं सिटी निवासी किशोर (16), देवा रोड हिम सिटी निवासी पांच साल का बच्चा, हैवतमऊ मवैया का किशोर (13) शामिल हैं। भर्ती हैं मरीज बरौली रायबरेली रोड की युवती (21) केजीएमयू में भर्ती हैं। वहीं, हजतरगंज की युवती (20) सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, कृष्णा नगर के पुरुष (50), राजाजीपुरम की युवती (40), रजनी खंड की युवती (21), इन्दिरा नगर का युवक (32), खदरा की महिला (46), सआदतगंज की युवती (25) शामिल हैं। इसके अलावा तेलीबाग बंगाली टोला की युवती (21), चिनहट की महिला (46), घसियारी मंडी के पुरुष (58), सुशांत गोल्फ सिटी की युवती (35) अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।
इलाज देने में लापरवाही का आरोप एक ओर जहां स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। वहीं, स्वास्थ्य महकमे की लापरवाही भी सामने आई। इन्दिरा नगर के एक बच्चे (नौ) को 15 फरवरी को तेज बुखार आया। पिता का आरोप है कि दो बार सैंपल देने के बाद स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। बच्चों को इलाज देने और उनके परिवारीजनों को सूचना देने में लापरवाही की गई। सीएमओ कंट्रोल रूम के कर्मचारी ने तीमारदार के साथ अभद्रता भी की। सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल का कहना है कि मामले की सूचना है, केजीएमयू से हमारे पास 21 फरवरी को रिपोर्ट आई थी। उसी दिन मरीज के अभिभावक को फोन किया गया था। हमारी तरफ से सूचना देने में किसी भी तरह की देरी नहीं की गई है।
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