उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार 26 अक्टूबर को आगरा के दौरे पर रवाना हुए थे, जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आगरा जिले में पहुंच चुके हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह करीब 7.50 बजे आगरा के खेरिया एयरपोर्ट पहुंचे थे। गौरतलब है कि, अपने दौरे के तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करीब 7 घंटे आगरा में बिताएंगे साथ ही दुनिया के 7 अजूबों में शामिल ताज महल भी जायेंगे। इसी कड़ी में हम आपको ताज महल की कुछ ख़ास बातें(taj mahal history) बताने जा रहे हैं। जैसे कि ताज महल को 50 कुओं पर बनाया गया है। साथ ही मुग़ल बादशाह शाहजहाँ से नाराज होकर मजदूरों ने ताज महल में एक बहुत बड़ी गलती को अंजाम दे दिया था।
यमुना बिन ताज सिर्फ धूल(taj mahal history):
- इतिहासकारों के मुताबिक, ताज महल का अस्तित्व बिना यमुना नदी के कुछ भी नहीं है।
- दरअसल ताज महल का आधार एक ऐसी लकड़ी पर बनाया गया है, जिसे नमी से मजबूती मिलती है।
- इस समस्या का हल ताज के पास बहने वाली यमुना नदी से निकाला गया था।
- ताज महल के मुख्य गुम्बद के शिखर पर सोने का कलश लगवाया गया था, जिसका वजन 466 किग्रा० था।
- जिसकी लम्बाई 30 फीट 6 इंच लम्बी थी।
- साल 1803 से ही अंग्रेजों की नजर ताज महल और उस सोने के कलश पर थी।
अंग्रेज अफसरों का पर्सनल हनीमून सुइट(taj mahal history):
- ताज महल के मुख्य परिसर में एक लाल रंग की मस्जिद है और दूसरी तरफ मेहमानखाना।
- ब्रिटिश शासन के दौरान यहाँ पर अंग्रेज कपल आकर रुकते थे, जिसमें से अधिकतर EIC के बड़े अधिकारी हुआ करते थे।
- साथ ही यहाँ नवविवाहित जोड़े भी आते थे, उस वक़्त यहाँ का किराया बेहद ज्यादा हुआ करता था।
- अंग्रेजों ने ही मेहमानखाने में दीवारें खड़ी कराकर उन्हें कमरों की शक्ल दी थी।
ताज महल के चार कोनों में हैं चार पीर भाइयों की कब्रें(taj mahal history):
- ताज के निर्माण के दौरान बार-बार महल की नींव ढहने की शिकायतें मिल रही थीं।
- मजदूरों और मिस्त्रियों का कहना था कि, जिन्न और भूत मिलकर ऐसा कर रहे हैं।
- जिसके बाद शाहजहाँ को इमामों ने अरब में बुखारा शहर पीर हजरत अहमद बुखारी को बुलाने का सुझाव दिया था।
- जिसके बाद पीर हजरत अहमद बुखारी अपने भाइयों, सैय्यद जलाल बुखारी शाह, सैय्यद अमजद बुखारी शाह और,
- सैय्यद लाल बुखारी शाह अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे।
- शाहजहाँ पीर बाबाओं को लेने खुद गए थे।
- चारों पीर बंधुओं ने ताज महल के नींव परिसर में कुरआन और कलमों का पाठ किया था।
- जिसके बाद ताज महल बनाया जा सका।
- वहीँ ताज के कोनों में 4 मीनारें बनी हुई हैं, हर मीनार के नीचे पीर बंधुओं की मजारें हैं।
- लोगों का ऐसा मानना है कि, जब तक ये मजारें यहाँ हैं तब तक ताज महल को कुछ नहीं हो सकता है।
मजदूरों ने लिया बदला(taj mahal history):
- ताज महल में मुमताज के मकबरे की छत में एक छेद है जिस से हर समय पानी की बूँदें टपकती हैं।
- इसके पीछे कई कहानियाँ बताई जाती हैं।
- जिनमें से एक यह है कि, शाहजहाँ ने ताज महल को बनाने वाले मजदूरों के हाथ काट दिए थे।
- जिससे नाराज मजदूरों ने यह कमी छोड़ दी जिससे शाहजहाँ का सपना पूरा न हो सका।
ये भी पढ़ें: तो इसलिए ताज महल पहुंच रहे हैं CM योगी
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें