भारत का इतिहास अपने आप में किसी तिलिस्म से कम नहीं है, सभी ने इतिहास के अपने अलग-अलग वर्जन बना रखे हैं, एक समुदाय किसी मामले में कुछ कहता है और तो दूसरे समुदाय के पास उसी मामले को लेकर एकदम अलग जानकारी होती है। इसी तरह भारत के इतिहास में एक ऐसा ही मुद्दा(taj mahal) है जिसने इस सवाल की TRP भी कम कर रखी है कि, पहले मुर्गी आई या अंडा?
ताजमहल शिव मंदिर है या मुमताज का मकबरा?(taj mahal):
- भारतीय इतिहास में बीते कई सालों से इस सवाल ने कई इतिहासकारों की नींदें उड़ा रखी हैं।
- लेकिन उसके बावजूद भारत की जनसँख्या का कुछ हिस्सा इस चक्कर में दो फाड़ हो चुका है।
- कुछ हिस्सा इसलिए क्योंकि बाकी जनता को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि वो मकबरा है या मंदिर।
- ये बहस का मुद्दा देश में बहुत पुराना नहीं है, हाल ही में कुछ ऐसे प्रमाण मिले थे कि, ताजमहल पहले शिव मंदिर था।
- जिसके बाद देश में यह बात आग की तरह फैल गयी।
- सभी अपने-अपने हिसाब से ताजमहल के शिव मंदिर या मकबरा होने की दलीलें देने लगे।
- इसी बीच सेंट्रल इनफार्मेशन कमीशन से भी RTI के माध्यम से यही यक्ष प्रश्न का उत्तर माँगा गया है।
CIC ने सरकार के पास भेजा सवाल(taj mahal):
- ताज के इतिहास का पता लगाने के लिए CIC के पास एक RTI आई है।
- जिसमें यह पूछा गया है कि, ताजमहल शिव मंदिर है या मकबरा?
- इतने कठिन सवाल की RTI के बाद CIC ने चुपके से मामले को सरकार की तरफ खिसका दिया है।
- कमीशन ने सरकार से इस सवाल का जवाब देने को कहा है।
- CIC ने RTI की एक प्रति संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को भेजी है।
- गौरतलब है कि, इस सवाल के जवाब में सुप्रीम कोर्ट समेत देश कई अदालतें अपने हाथ खड़े कर चुकी हैं।
- ज्ञात हो कि, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बना ताजमहल दुनिया के 7 अजूबों में गिना जाता है।
कमिश्नर ने कहा, स्थिति साफ़ करें, शिव मंदिर या मकबरा(taj mahal):
- CIC कमिश्नर श्रीधर आचार्यलु ने संस्कृति मंत्रालय के लिए आदेश भी जारी किया गया है।
- जिसमें कहा गया है कि, संस्कृति मंत्रालय ताजमहल के इतिहास के विवादों पर लगाम लगाये।
- साथ ही ये कहा गया है कि, ये तय करें कि, ताजमहल मकबरा है या राजपूत राजा द्वारा बनवाया गया शिव मंदिर।
- आदेश में यह भी कहा गया है कि, संस्कृति मंत्रालय को इस मुद्दे पर अपनी राय देनी चाहिए।
- साथ ही मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी एक पार्टी है, जिसे अपना जवाब दाखिल करना होगा।
- इतना ही नहीं 30 अगस्त तक ASI को दस्तावेजों की एक प्रति RTI के जरिये सवाल पूछने वाले को भी देनी होगी।
बंद कमरे आज भी कई रहस्यों को थामे हुए हैं(taj mahal):
- ताजमहल वास्तव में क्या है इसका जवाब ASI की रिसर्च और इन्वेस्टिगेशन के बाद ही दिया जा सकता है।
- ताजमहल में आज भी कई बंद कमरों को खोला नहीं गया है, साथ ही कई महत्वपूर्ण जगह खुदाई भी नहीं की गयी है।
- बंद कमरों और खुदाई के बाद ताजमहल का पूरा इतिहास सामने आएगा।
- कई लोगों का मानना है कि, बंद कमरों और खुदाई से एक नया इतिहास सामने आ सकता है।
- हालाँकि, बंद कमरों को खोलने और खुदाई का फैसला ASI का है।
- जिसके लिए CIC कमीशन कमरों को खोलने और खुदाई का निर्देश नहीं दे सकता है।
इतिहासकार पीएन ओक ने किया है दावा(taj mahal):
- ताजमहल के विवाद पर इतिहासकार पीएन ओक ने एक किताब लिखी है।
- किताब का नाम ‘Taj Mahal: The True Story’ है।
- जिसमें लिखा गया है कि, ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर था, जिसे एक राजपूत राजा ने बनवाया था।
- जिसे बाद में मुग़ल शासक शाहजहाँ को दे दिया गया था।
- इतिहासकार पीएन ओक ने इसके बाबत सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
- लेकिन कोर्ट ने कहा था कि, इस मामले में फैसला आपको ही करना होगा।
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