राजधानी लखनऊ के विधानसभा के उस समय हड़कंप मच गया जब एक शिक्षिका ने विधानभवन के सामने अपने आत्मदाह करने पहुंच गई। इससे पहले महिला अपने ऊपर तेल डालकर आग लगा पाती कि मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। महिला दो लीटर की पिपिया में मिटटी का तेल लेकर पहुंची थी और विधानसभा की नै बिल्डिंग के सामने उसने अपने ऊपर तेल उड़ेल लिया। इससे मौके पर हड़कंप मच गया, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच दिया। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों को हिरासत में लेकर हजरतगंज कोतवाली ले गई। पीड़ित महिला ने चेतावनी दी है कि अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर वह आत्मदाह कर लेगी। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही है। बता दें कि लखनऊ के सरस्वती शिशु मंदिर की पूर्व शिक्षिका ने प्रधानाचार्य पर छेड़खानी का आरोप लगाया। इस मामले में पीड़िता ने पुलिस पर कार्यवाही न कर आरोपी को बचाने और पीड़िता पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
विद्यालय के प्रधानाचार्य पर लगाया आरोप
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बता दें कि आज सुबह रश्मि विश्वकर्मा राजधानी के सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाती थी। शिक्षिका का आरोप है कि उसने कैसरबाग थाने में मॉडल हाउस सरस्वती शिशु मंदिर के प्रिंसिपल विनोद अवस्थी के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोप में एफआईआर दर्ज करायी थी। लेकिन कुछ ही समय बाद आरोपी जमानत पर बाहर आ गया और उसे धमकाने लगा। बताया कि इसकी शिकायत पुलिस में की गई, लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाए रश्मि गौतम के पति राजेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। महिला का आरोप है कि पुलिस विनोद अवस्थी से मिलकर उसे और उसके पति को परेशान कर रही है।
पुलिस दे रही समझौते का दबाव
वहीं आरोप लगाया कि मामला दर्ज कराने के बाद उल्टे पीड़िता पर ही समझौता करने का दबाव बनाने लगी। जिसकारण वह क्षुब्ध होकर आत्मदाह करने का प्रयास किया। पीड़िता को फिलहाल मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने पकड़ा और उससे पूछताछ की जा रही है। सूबे की पुलिस कितना काम करती है, पीड़ितों को न्याय दिलाने में कितनी कारगर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रिंसिपल के अपने ही स्कूल की शिक्षिका से छेड़खानी और इस मामले में पुलिस के आरोपी का बचाव करने और पीड़िता पर ही समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाया।
पुलिस लगा चुकी है क्लोजर रिपोर्ट
वहीं पुलिस का कहना है कि पुलिस ने दोनों तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस की जांच में दोनों मामले फर्जी पाए गए थे, जिसके बाद क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई थी।