बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केन्द्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) में गेस्ट फैकेल्टी की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार चल रहे हैं।बायोटेक्नोलॉजी विभाग के एमएससी फॉरेंसिक साइंस और एमएससी ब्रेन एंड कॉग्नीशन साइंस के लिए नियुक्तियां होनी थी। इसका विज्ञापन 19 जुलाई को विवि ने अपनी साइट पर डाला था। जिसमें दी गयीं योग्यताएं ही गलत लिखी थी जिसका पता साक्षात्कार के लिए पहुंचे कैंडीडेट्स के आने पर चला।
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कैंडीडेट्स ने जताया विरोध
- दोनों कोर्स के लिए आवश्यक योग्यता बेसिक व फस्र्ट क्लास एमएससी फॉरेंसिक की डिग्री थी।
- साथ ही डिजायरेबल योग्यता नेट को भी मांगा गया था।
- यानी अगर आवेदक के पास फस्र्ट क्लास एमएससी की डिग्री है तो वह साक्षात्कार दे सकता है।
- पर जब साक्षात्कार के लिए कैंडीडेट्स पहुंचे तब विभाग को होश आया की उनसे विज्ञापन गलत प्रकाशित हो गया है।
- नियुक्ति प्रभारी प्रो. आनंद प्रकाश ने कहा कि जिन कैंडीडैट्स के पास सिर्फ एमएससी की डिग्री वह साक्षात्कार नहीं दे सकते है।
- जिनके पास नेट या पीएचडी है वही साक्षात्कार दे सकते हैं।
- साक्षात्कार देने पहुंचे कैंडीडेट्स ने आरोप लगाया कि प्रो. आनंद प्रकाश ने उनसे बुरा व्यवहार किया।
- इस पर कैंडीडेट्स ने जब वह डीन प्रो. शुभनि को गलत प्रकाशित विज्ञापन के बारे मेंं जानकारी मांगी तो उन्होंने इससे साफ इंकार कर दिया।
- उन्होंने कहा कि उन्हें कोई जानकारी ही नही हैं जबकि वीसी के सख्त निर्देश थे कि नियुक्ति की पूरी जिम्मेदारी डीन की ही होगी।
- यूजीसी के नियम के मुताबिक गेस्ट फैकेल्टी की योग्यता नेट होनी ही चाहिए।
- पर विज्ञापन निकलते समय विभाग इस चीज को भूल ही गया और विज्ञापन में कही इसका जिक्र ही नहीं किया।
- साक्षात्कार देने के लिए नासिक, बनारस, इलाहाबाद व कई दूसरे जगहों से कैंडीडेट्स आए थे।
- कुछ देर हंगामे के बाद सब निराश होकर वापस चले गए।
- कैंडीडेट्स ने ये भी आरोप लगाये कि एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ऐसी गलती की जिसकी कोई अपेक्षा नहीं करता है।
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फार्मास्यूटिकल साइंस में भी गड़बड़ी
- बायोटेक्नॉलाजी के अलावा फार्मास्यूटिकल साइंस विभाग में भी यही गड़बड़ी सामने आई थी।
- गुरुवार को वहां भी साक्षात्कार हुआ जिसमें नेट पास कैंडीडेट्स को ही शामिल किया गया।
- हालांकि अन्य विभागों के विज्ञापनों में ये गड़बड़ी नहीं रही।
- दूसरे विभागों ने अर्हता के कॉलम में यूजीसी के मानकों के अनुसार लिख दिए।
- ऐसे में वह इस गड़बड़ी से बच गए।
- बीबीएयू प्रवक्ता गोविंद जी पांडेय के कहा कि यूजीसी के निर्देशों के मुताबिक नेट होना जरूरी है।
- ऐसे में हम बिना नेट के कैंडीडैट्स को इंटरव्यू में नहीं बुला सकते हैं।
- अगर विभागों की ओर से यह गलती की गई तो खेद का विषय है।
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