उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे उन्नाव जिला में मजदूरों के लिए टॉनिक का काम करने वाली चाय शुक्रवार को उनके लिए जहर बन गई। लखनऊ व कानपुर को जोडऩे वाले उन्नाव में एक ढाबा पर चाय पीने के बाद दस मजदूरों की तबीयत खराब हो गई। चाय न पीने वाले ढाबे के एक कर्मचारी ने साथियों समेत मजदूरों को बेहोश देखा तो मालिक राजेश पुत्र जमुना को सूचना दी। कुछ ही देर में पहुंचे ढाबा मालिक ने सभी को नवाबगंज सीएचसी पहुंचाया। हालत में सुधार न होने पर जिला अस्पताल से सभी को हैलट कानपुर रेफर कर दिया गया, इनमें से अभी सात गंभीर हैं। डॉक्टर्स का अनुमान है कि चाय विषाक्त थी उसमें कोई नशीली दवा या फिर जहरीला कीड़ा गिर गया जिसे पीने वाले सभी बीमार हो गए। पुलिस ढाबे के एक कर्मचारी को हिरासत में लेने के साथ पुलिस जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक, घटना अजगैन थाना क्षेत्र के चमरौली गांव के मोड़ पर स्थित ढाबे की है। यहाँ आज तड़के सोनिक स्टेशन से मालगाड़ी से खाद उतार कर आए सात मजदूरों ने ढाबे पर चाय बनवा कर पी। मजदूरों के लिए बनाई गई चाय को ढाबे की तीन कर्मचारियों ने भी पिया। चाय पीने के कुछ देर बाद ही सभी एक एक कर बेहोश होने लगे, इससे हड़कंप मच गया। ढाबे पर काम करने वाले मोहित (14) पुत्र नन्हके, विकास (12) पुत्र हरीशंकर, दीपू पुत्र नन्हकऊ को भर्ती कर लिया, जबकि राजू पुत्र राधे, राजेश पुत्र सुंदर, पुत्तन पुत्र मिथलू, निवासी बाबाखेड़ा के साथ दीपक पुत्र मिश्रीलाल, सुनील कश्यप पुत्र नन्हा, रामनरेश पुत्र गयादीन और शिवरतन पुत्र रामलाल निवासी चमरौली को गंभीर हालत में जिला अस्पताल ले जाया गया। करीब पांच घंटे तक उपचार के बाद भी वह होश में नहीं आ सके। लगातार हालत बिगड़ती देख डॉ. मो.अहमद ने सभी को हैलट कानपुर रेफर कर दिया। घटना से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस पूरे मामले की पड़ताल में जुटी हुई है।
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