उत्तर भारतीय रेलवे लाखों रुपये सिर्फ चूहों को मारने के लिये खर्च कर देता है। फिर भी उसे इनसे आजादी नहीं मिलती। लखनऊ में चूहों से परेशान होकर उत्तर भारतीय रेलवे ने एक बहुत ही अजीबो गरीब निर्णय लिया है।
- लखनऊ के चारबाग स्टेशन को चूहों से निजात दिलाने के लिये एक सुपारी किलर हो नियुक्त किया जायेगा।
- जी हाँ उत्तर भारतीय रेलवे ने चूहों को को मौत के घाट उतारने के लिये 7.50 लाख की सुपारी देने का फैसला किया है।
- इसके लिये टेन्डर भी निकल दिए गये हैं।
- इन चूहों को मरने के लिये अभी तक सिर्फ 4 कंपनियों ने ही अपना दावा पेश किया है।
- इन चूहों से परेशान चारबाग रेलवे स्टेशन के अधिकारी ने बताया है कि सिर्फ चारबाग रेलवे स्टेशन पर ही हजारों की संख्या में चूहें रहते हैं।
- जो कि रेलवे प्रशासन के अलावा यात्रियों के लिये भी मुश्किलें खड़ी कर रहें हैं।
- इनसे निजात पाने के लिये पिछले माह मार्च में में ही टेंडर का विज्ञापन दिया गया था।
- इसके लिये कम्पनी नियुक्त होते ही चूहों को ख़त्म करने का काम शुरू कर दिया जायेगा।
- ठेकेदार को इसके लिये चूहों को एक साल में 25 उपचार देने होंगें।
- उसके बाद उस उपचार से मरने वाले चूहों की रिपोर्ट रेलवे प्रशासन को को सौपनी होगी।
आइये आपको बताते हैं कि इससे पहले भी रेलवे प्रशासन कितना पैसा खर्च कर चुका है इस अभियान के तहत-
- वर्ष – रुपये
- 2010 – 48 लाख रुपये
- 2012 – 20 लाख रुपये
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Ashutosh Srivastava
Reporter at uttarpradesh.org, News Junkie,Encourager not a Critique Admirer of Nature.