उत्तर प्रदेश सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्षों और ब्लॉक प्रमुखों के कार्यकाल को बढ़ाने और उनको हटाने की व्यवस्था को कठिन बनाने के लिए कार्यवाई शुरू कर दी है। अब इनका कार्यकाल दो साल का होगा। हालांकि सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को विधानमण्डल के दोनों सदनों और राज्यपाल की मंजूरी मिलनी बाकी है।
- सोमवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में प्रदेश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
- इसके तहत जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के एक साल के कार्यकाल को बढ़ाकर दो साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। अब से इनके 2 साल के कार्यकाल के बाद ही इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकेगा।
- वर्तमान पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के इनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कुल सदस्यों में से कम से कम आधे सदस्यों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है, जिसे बढ़ाकर दो तिहाई कर दिया गया है।
- विधानमंडल में सपा सरकार के बहुमत में होने के कारण यह व्यवस्था जल्द ही लागू हो सकती है।
- कुछ ही समय पहले हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने 74 में से 60 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके अलावा क्षेत्र पंचायत प्रमुख की 816 सीटों में से 80 प्रतिशत सीटों पर सपा का कब्ज़ा है।