वाराणसी में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पद्म विभूषण अवॉर्ड (Termites eaten padma vibhushan award) दीमक खा गया। यह खबर सोशल मीडिया पर वॉयरल होने लगी है। यह अवॉर्ड उन्हें 1980 में मिला था। पद्म विभूषण अवॉर्ड तत्कालीन भारत की राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने दिया था। बता दें कि आज उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की पुण्यतिथि है।
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कम वक्त में ही उन्हें भुला दिया
- बिस्मिल्ला खां के बेटे बेटे नाजिम ने बताया कहा कि ऐसा लगता है कि इतने कम वक्त में ही लोगों ने उन्हें भुला दिया है।
- उन्होंने बताया कि जो धुनें हमेशा उनकी शहनाई से निकला करती थीं वह 21 अगस्त 2006 को हमेशा के लिए खो गईं।
- बिस्मिल्लाह खां की आज 11वीं पुण्यतिथि है।
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- उस्ताद बिस्मिल्ला खां को भारत के तीसरे संगीतकार जिन्हें सर्वोच्च नागरी सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया।
- जिनकी शहनाई ने किसी कुटिया, महल, दरबार, मंदिर या मस्जिद का भेद भाव नहीं किया।
- उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पैतृक घर वाराणसी के दालमंडी में है।
- नाजिम ने बताया कि अब्बा के जाने के बाद सबकुछ बदल गया।
- अब हमें कोई नहीं पूछता, दादा को पद्म विभूषण अवॉर्ड मिला था।
- लेकिन आज उसकी कोई कीमत नहीं है, उसको दीमक खा चुका है।
- उनके कमरे में आज भी (Termites eaten padma vibhushan award) उनका जूता, छाता, टेलीफोन, कुर्सी, लैम्प, चम्मच-बर्तन रखा है।
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