उन्नाव जिले के औद्योगिक क्षेत्र दही चौकी स्थित सबसे पुराने स्लाटर हाउस इंडाएग्रो फूड्स में शनिवार शुरू हुआ मजदूरों और प्रबंधन के बीच का विवाद थमा नहीं। करीब 15 साल से काम कर रहे स्थानीय मजदूरों को बाहर कर गैर प्रांत के मजदूरों को काम देने की साजिश रचने का प्रबंधन पर आरोप लगा रहे मजदूर दूसरे दिन सदर विधायक के आवास पर पहुंचे और उनका घेराव कर न्याय दिलाने की मांग की। इसके बाद उन्होंने डीएम और नगर मजिस्ट्रेट से वार्ता की और सोमवार को विवाद निपटाने के लिए वार्ता प्रस्तावित की है।

इंडाएग्रो फूड्स लि. में करीब 15 साल से काम करने वाले करीब एक सैकड़ा से अधिक मजदूर ने शनिवार को कामकाज ठप कर दिया। मजदूरों का आरोप था कि एक तो जिस ठेकेदार मुन्ना के अधीन वह सब काम करते थे वह कहीं चला गया और उसकी मजदूरी भी ले गया। मुन्ना के करीबी जाकिर ने प्रबंधन से अपना वेतन का बकाया मांगा तो प्रबंधन ने मुन्ना को अदा कर देने की बात कहते हुए रुपये देने से इन्कार कर दिया। जाकिर का आरोप है कि प्रबंधन ठेकेदार के गायब हो जाने के बाद उसके ग्रुप के लोगों को भी काम से निकाल रहा है। जबकि वह करीब 15 साल से इसी इकाई में काम कर रहा है। पहले तो उनकी मजदूरी नहीं मिल रही है दूसरे नौकरी से भी निकाला जा रहा है। दूसरी तरफ गैर प्रांत के कर्मचारियों को कंपनी काम पर रख रही है।

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विधायक से मिले मजदूर

प्रबंधन के एक पक्षीय निर्णय से एक सैकड़ा से अधिक मजदूरों के सड़क पर आने की नौबत आ गई। शनिवार को हुए प्रदर्शन के बाद रविवार को करीब एक सैकड़ा से मजदूरों और उनके परिजनों ने सदर विधायक पंकज गुप्ता के आवास पहुंचे। जहां उन्हें मजदूरों ने पूरे प्रकरण की जानकारी दी और न्याय की गुहार लगायी। मजदूरों की समस्या सुनने के बाद विधायक ने डीएम रवि कुमार एनजी से बात की। जिस पर उन्होंने अवकाश पर जाने की जानकारी देते हुए सोमवार शाम तक वापस लौट कर मामले का निस्तारण करने को कहा। इस बीच विधायक की दो दिनों में हुए घटनाक्रम के बाबत नगर मजिस्ट्रेट राम प्रसाद से भी वार्ता। इसके बाद विधायक ने मजदूरों को सोमवार शाम दोनों पक्षों के साथ बैठकर विवाद का निस्तारण करने का आश्वासन दिया।

बवाल न हो इसके लिए फैक्ट्री पर पुलिस बल तैनात

शनिवार को इंडाएग्रो फूड्स पर हुए हंगामे के मामले में फैक्ट्री प्रबंधन ने सीओ व एसपी को एक शिकायती पत्र देकर कुछ मजदूरों के साथ स्थानीय पुराने मजदूरों द्वारा मारपीट करने और दूसरे दिन भी बवाल बढ़ने की आशंका जताई। इस पर एसपी पुष्पांजलि के निर्देश पर फैक्ट्री के बाहर एसपी ने क्यूआरटी व अन्य पुलिस बल को तैनात करने के निर्देश दिए। एसपी के निर्देश पर पूरे दिन इंडाएग्रो फूड्स के बाहर भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रबंधन के भी फैक्ट्री में काम बंद रखा जिससे वहां सन्नाटा छाया रहा।

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प्रबंधन के आरोप पर मजदूरों का पलटवार

प्रबंधन द्वारा आरोप लगाया गया कि एक्सपोर्ट के लिए जो माल तैयार हुआ था उसकी पैकिंग में पान मसाला के पाउच आदि भर दिए गए, जिससे विदेश से उनका माल वापस भेज दिया गया। उससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ। वहीं, मजदूरों का कहना है कि वह सभी स्लाटर हाउस में काम करने वाले हैं। जहां केवल स्लाटरिंग का काम होता है। उसके बाद पांच अन्य स्थानों पर चेकिंग से लेकर पैकिंग तक होती हैं। इसमें अकेले मजदूर कहां से दोषी है। इतना ही नहीं उनका कहना था कि पैकिंग यूनिट में भी तो यह हो सकता है। उनका आरोप था कि प्रबंधन केवल निकालने के बहाने तलाश रहा है। ऐसा कुछ भी नहीं है।

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