जल्द ही फहराया जाएगा यूपी के मेरठ से सटे दौराला में देश का सबसे ऊंचा (380 फीट) तिरंगा झंडा
आज बात करते हमारे देश के सम्मान राष्ट्रिय ध्वज तिरंगे की। भारतीय कानून के अनुसार ध्वज को हमेशा ‘गरिमा, निष्ठा और सम्मान’ के साथ देखना चाहिए। भारत की झंडा संहिता-2002 ने प्रतीकों और नामों के अधिनियम, 1950 का अतिक्रमण किया और अब वह ध्वज प्रदर्शन और उपयोग का नियंत्रण करता है। सरकारी नियमों में कहा गया है कि झंडे का स्पर्श कभी भी जमीन या पानी के साथ नहीं होना चाहिए। उस का प्रयोग मेज़पोश के रूप में, या मंच पर नहीं ढका जा सकता, इससे किसी मूर्ति को ढका नहीं जा सकता न ही किसी आधारशिला पर डाला जा सकता था।
- वही अगर देश में बड़े से बड़े झंडे को अगर देखा जाये तो अभी तक सबसे बड़ा तिरंगा देश के बॉर्डर बाघा बॉर्डर पर स्थित है।
- पर इस झंडे को भी मात देने वाला तिरंगा झंडा तैयार किया जा रहा है।
- यूपी के मेरठ से सटे दौराला में देश का सबसे ऊंचा (380 फीट) तिरंगा झंडा जल्द ही फहराया जाएगा।
- इसके लिए टावर का निर्माण किया जा चुका है।
- इस टावर पर फरवरी या मार्च माह में ध्वजारोण किया जाएगा।
- इसके साथ ही आश्रम में क्रांतिकारियों, शहीदों की गैलरी भी स्थापित की जायेगी।
- यहां क्रांतिकारियों के स्टेच्यू और उनके बलिदान की दी जाएंगी जानकारियां।
- वाघा बार्डर पर लगा है अभी तक देश का सबसे ऊंचा तिरंगा (355 फीट)।
मीडिया प्रभारी सतीश कुमार ने दी विधिवत जानकारी
इस सिलसिले में सम्पूर्ण जानकारी श्री परमधाम न्यास अरिहंतपुरम वलीदपुर के मीडिया प्रभारी सतीश कुमार ने दी कि आश्रम में लगभग सवा करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाएगा देश का सबसे ऊंचा 380 फीट तिरंगा झंडा। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद समेत विभिन्न गुमनाम क्रांतिकारियों के स्टेच्यू व उनसे जुडे़ सामानों को भी आश्रम की गैलरी में स्थापित किया जाएगा। उनके बारे में विस्तृत जानकारी भी रखी जाएगी।
- झंडे का वजन तक होगा एक से सवा क्विंटल ।
- इसकी लंबाई होगी 120 फीट और चौड़ाई 80 फीट।
- झंडे को लगाने का काम काफी समय से कर रही है कोलकाता की एक प्राईवेट कंपनी स्कीपर लिमिटेड।
- झंडा लगाने के लिए खड़ा कर दिया है कंपनी ने टावर ।
भगत सिंह या चंद्रशेखर आदि शहीदों के बालिदान दिवस पर किया जा सकता है ध्वजा रोहण
जब इस मामले में विस्तृत जानकारी ली गई तो जानकारी में ज्ञात हुआ कि टावर पर 27 फरवरी को शहीद चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर या फिर 23 मार्च को शहीद भगत सिंह के बालिदान दिवस पर किया जा सकता है ध्वजा रोहण। जिसके लिए तैयारियां की जा रही है। गौरतलब है कि भारत में अब तक कई बार फहराए जा चुके हैं सबसे ऊंचे तिरंगे।
- भारत पाक अटारी सीमा पर फहराया जा चुका है 360 फीट ऊंचा तिरंगा।
- रांची के पहाड़ी मंदिर पर फहरया गया है 293 फीट ऊंचा तिरंगा।
- इसके अलावा पुणे के कटराज लेक में 237 फीट है फहराए गए तिरंगे की ऊंचाई।
- फरीदाबाद के निकट फहराया गया है 250 फीट ऊंचा तिरंगा।
- रायपुर और हैदराबाद में फहराए गए तिरंगों की ऊंचाई क्रमश 269 व 291 फीट है।
रिपोर्ट: संजीत सिंह सनी
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