बीते कई दिनों से देश के कई हिस्सों में एटीएम कैशलेस हो चुके हैं, जिसके बाद एटीएम में नगदी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है और आम जनता को खासा परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ऐसे में किसान, व्यापारी और आम जनता त्रस्त हैं। वहीं इस वित्तीय संकट को विपक्ष ने वित्तीय आपात करार दिया है। यूपी कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सिद्धार्थ प्रिय श्रीवास्तव ने कहा कि वित्तीय संकट नोटबंदी के बाद ही आ गया था।
4 साल में भी नहीं हुआ कोई सुधार
जिस तरह से नोटबंदी के बाद मोदी जी ने पहले 50 फिर 100 दिन का समय मांगा था, लेकिन स्वयं उन्हें 4 साल बीत गए और कोई सुधार नहीं हुआ। उन्होंने कहा नोटबंदी के बाद मकान, दुकान, इंडस्ट्रीज व स्मॉल इंडस्ट्रीज, यहां तक की रेवड़ी-चने बेचने वाले छोटे दुकानदार भी प्रभावित हुए, जिससे मोदी जी की नोटबंदी पूरी तरह विफल साबित हुई। इस बार फिर से एटीएम में लाइन लगने और वित्तीय आपात का कारण सिर्फ नोटबंदी है।
वित्त मंत्री ने दी सफाई
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ राज्यों में अचानक कैश की मांग बढ़ जाने से कैश की किल्लत पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि देश में जरूरत से ज्यादा नोट सर्कुलेशन में हैं और बैंकों में भी पर्याप्त नोट उपलब्ध हैं। वित्त मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि सरकार ने देश में करंसी के हालात की समीक्षा की है और आने वाले तीन दिनों में ठीक हो जाएगा।
आपको बता दें कि देश के कई राज्यों में कैश की किल्लत की खबरें आ रही हैं। कई छोटे शहरों में एटीएम खाली हैं और बाहर ‘नो कैश’ का बोर्ड लगा दिया गया है। उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, गुजरात, झारखंड और मध्यप्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों में एटीएम में कैश न होने की शिकायत आ रही हैं।