यह वह दीपक नहीं है जिसे तुम फूंक मारोगे और वह बुझ जायेगा। फिर तुम तेल खत्म होने पर उसके बुझने का इन्तजार करोगे तब भी तुम्हें निराशा ही हाथ लगेगी, क्योंकि यह तो मणि दीपक है जिसे परमात्मा ने सहज प्रकाश स्वरूप बनाया है। इस दीपक को कभी कोई बुझा नहीं सकता है। यह नरेन्द्र मोदी नामक दीपक अब दुनिया को प्रकाश दे रहा है। जग जाहिर है यह कि दीपक चाहे मिट्टी का हो अथवा सोने का उसका महत्व नहीं होता महत्व होता है तो उसके प्रकाश का। तेल व बाती के संग से ही दीया जलता है। हमारे महान संतो ने गौरवमयी संस्कृति ने दीपक के प्रकाश को तो तेल व बाती के कारण बताया। वहीं मणि को सहज प्रकाशमयी ज्योति बताया। भारत की राजनीति में आज जो मोदी का विरोध करने वाले लोग हो या पार्टियां जो भी है वे या तो मात्र खाली दीपक की भांति है अथवा उनमें वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद, व तुष्टिकरणवाद की बाती व तेल है, जो घटता बढता रहता है।

चुनावी वर्ष में यह दीया, तेल व बाती का खेल खूब रंग लाता है। एक राष्ट्रीय पार्टी जो अब क्षेत्रीय पार्टियों की पिछलगू बन चुकी है वह भी बिना प्रमाण के उल जूलूल आरोप लगाने में जुट जाती हैं। बदले मे उसे केवल उपहास मिलता है। उपवास को नाम पर उनके नेता छोले-भटूरे, पूड़ी-कचौडी भरपेट खाकर उपवास का स्वांग रचते है। जो खेल चुके है 70 वर्ष तक राजनीति का गंदा खेल वे अब गंदे नाले को गंगाजल है यह बताते है। लोग हकीकत जानते है कौन दूध का धूला है इन मोदी विरोधियों में। देश व दुनिया के जाने माने वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी एक राष्ट्रीय चैनल के शो में रजत शर्मा के यह पूछने पर कि मोदी का विकल्प राहुल गांधी है तो तपाक से कहते है क्या बात कह रहे हो रजत जी मैं राहुल गांधी को अपने आफिस का क्लर्क न रखु आप देश का भावी प्रधानमंत्री बता रहे है। यह सब उन्होने बेवजह नहीं कहा जेठमलानी ने कहा आज मेरा देश जितनी भी समस्याओं से घिरा हैं सब कांग्रेस पार्टी की देश में रही हुकुमत के कारण है।

वह कहते हैं कि मुझे कोई नेता मोदी जैसा ईमानदार दूर-दूर तक नहीं दिखता है। वह आगे कहते है देश ही नहीं दुनिया में अपनी ईमानदारी, कठिन परिश्रम व लगन के कारण मोदी जनता के रोल माडल बन गए है। उनके ऊपर कोई वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद व तुष्टिकरणवाद का आरोप नही लगा सकता है। रजत जी ने सवाल दागा कि यह सब तो ठीक है जो आप कह रहे हैं लेकिन मोदी को लोग मुस्लिम विरोधी कहते है इस पर रामजेठमलानी ने कहा मोदी ही नही भारत के किसी हिन्दू पर केवल वह हिन्दू है इसलिए मुस्लिम विरोधी होने का आरोप कैसे लगा सकता है। उन्होने सुप्रीमकोर्ट की हिन्दुत्व पर की गई व्याख्या को बताया कि हिन्दुत्व जीवन दर्शन है। उत्तम जीवन जीने की व्यवस्था हैं। रामजेठमलानी ने कहा कि मैं किसी के पक्ष या विपक्ष की बात नहीं कर रहा हूूॅ। मैं जो मेरे देश के लिए आवश्यक है उसकी बात कर रहा हूॅ।

उन्होने आगे कहा कि राम मन्दिर की पहली ईट जब कोई मुसलमान लगाएगा तभी आगे हिन्दू लगायेगें यह एकता है हमारे देश के लोगो में। मोदी पर मुस्लिम विरोधी होन का उनका आरोप निराधार है सत्य से परे है। वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष पर नजर डाले तो यह कहावत सही लगती है ‘‘कहीं की ईंट कहीं का रोडा भानुमति ने कुनबा जोड़ा। नरेन्द्र भाई मोदी का विरोध करने वाले दल दरअसल अन्दर से खोखले है उनके पास मुद्दों का अभाव है। लोगो को फंडिग कर उकसाने का काम कर रहे हैं। उनको लगता है कि वे जो कहेंगे लोग मान लेंगे। सच्चाई एकदम विपरीत हैं भारत के जागरूक मतदाता अपना वोट पुनः मोदी को ही देंगे क्योंकि यह बात भी जेठमलानी ने टीवी इन्टरव्यू में की कि वे जहां भी जाते है लोग उनसे कहते है मोदी को किसी कीमत पर हारने नहीं देंगे। इसबार का मतदान रिकार्ड मतदान होगा। लोगो तक यह बात पहुॅच चुकी हैं कि वंशवाद, परिवारवाद, जातिवाद व तुष्टिकरणवाद ने वोट बैंक को बढाने के लिए हाथ से हाथ मिला लिया है।

अकेले नहीं रोक सकते तो मिलकर रोकेंगे यह बात वे दल रात दिन एक-एक कर कह रहे है। यद्यपि यह नई बात नहीं है जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो सविधान खतरे में है कहते थे ये तथाकथित विरोधी। मोदी जी ने नोटबंदी की तब कहने लगे बाहर निकलो देश में आपातकाल आ गया है। लोगो को खूब उकसाया खुद राहुल गाधी जी लग्जरी गाडी में बैठक एटीएम की लाइन में लगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा फैसला वापस हो नहीं तो आन्दोलन करेगी। कहती रह गई जनता ने इस कान से सुना उस कान से निकाल दिया। मरती क्या न करती उत्तर प्रदेश के तत्कालिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बात की वह भी कह रहे थे कउवा कान ले गया। ममता ने लखनऊ मे आकर बड़ी रैली करने की तारीख तय कर दी। पश्चिम बंगाल में उनका नोटबंदी विरोध चारो खाने चित्त हो गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरबिन्द केजरीवाल को भी लखनऊ लखनऊ के विरोध प्रदर्शन में बुलाया गया। 1090 चैराहे पर नेता तीन-तीन मुख्यमंत्री तो जरूर इकट्ठे हुए, लेकिन पब्लिक ने कोई रूचि नहीं ली। अपना सा मुंह लिये वापस लौट गए। कुछ लोग चिल्लाते रहे जनता मोदी जी के निर्णय को सही ठहराती रही। सारे देश में जितने भी नोटबंदी के विरोध में तथाकथित विरोधियों ने आन्दोलन किये सब सुपर फ्लाफ रहे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद सत्र में कहा कि आप लोग तो कह रहे थे भूचाल आ जायेगा क्या हुआ साइकिल की एक तिल्ली भी नहीं टूटी पूरे देश भर में। आप लोगो को अब समझा में आ गया कि यह निर्णय जनहित में कितना कारगर साबित हुआ। विरोधी चिल्लाते रहे राज्यों के चुनाव होने दीजिए तब सच्चाई पता चलगी। चण्डीगढ नगर निगम में सबसे पहले चुनाव हुआ। भारतीय जनता पार्टी ने प्रचण्ड बहुमत प्राप्त किया। उसके बाद देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई में नगरनिगम चुनाव हुए वहा भी भाजपा को जनता ने हाथों हाथ लिया। अब विरोधियों की स्थिति यह हो गई कि खिसियाई बिल्ली खम्भा नोंचे। मोदी की लोकप्रियता दिनों दिन बढती जा रही है। प्रधानमंत्री ने देश में और कठोर निर्णय करते हुए जीएसटी लागू कर दी। पुनः विपक्ष कहने लगाकि इस बार तो सब खिलाफ हो गए हैं अब मजा आयेगा।

चुनाव होने दीजिए तब लोगो के गुस्से का पता चलेगा। मोदी व भारतीय जनता पार्टी अब सत्ता मे नही आ पायेगी। लगातार विपक्ष जनता को उकसाता रहा यहां तक के बैनर पोस्टर खुद के पैसे से छपवा डाले ‘‘हमारी भूल कमल का फूल‘‘ देश के अन्दर लगभग 15 राज्यों में चुनाव हुए परिणाम में विपक्ष जो मोदी को उखाड़ फेंकने में ऐडी चोटी का जोर लगाए था खुद ही उखड़ गया। मोदी जी के नेतृत्व में देश के पूर्वोत्तर में भी कमल का फूल खिल उठा। अब मरते क्या न करते कहने लगे सब मिल जाओ तब मजा आयेगा। बेमेल गबन्धन होने लगे हैं। विपक्ष को सत्ता देना तो यह विपक्ष क्यों नहीं मान लेता कि लोकतंत्र में फैसला तो जनता ही करती है। ईवीएम में खोट है कब तक गाओगे। लोग बखूबी जानते है की आपकी नियत में खोट है। आप किस मिट्टी के बने है। मोदी जी मणि दीपक है सदा प्रकाशित रहेगे।

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