शहीद की मां, भाई और पत्नी का विलाप को देखकर बाहर आ रहा था लोगों का कलेजा
शहीद कौशल कुमार रावत के कहरई स्थित घर पर रात से ही रिश्तेदारों व आसपास के लोगों का जमावड़ा था। उनकी बहादुरी के किस्से सभी की जुबान पर थे। छोटे भाई कमल किशोर रावत के आंसू नहीं रुक रहे थे। उनकी एक दिन पहले ही भाई से बात हुई थी। उन्हीं बातों को याद कर वह दहाड़े मारकर रो उठते। लोग ढांढस बंधा रहे थे। घर के अंदर शहीद की मां और पत्नी का विलाप देखकर लोगों का कलेजा बाहर आ रहा था।
- रिश्तेदार महिलाएं भी आंसू नहीं रोक पा रही थीं।
- छोटा बेटा और बेटी शहीद पिता के पार्थिव शरीर के आगरा पहुंचने की खबर लेने के लिए फोन पर जुटे थे।
- छोटे भाई कमल किशोर ने बताया कि उनके कुछ रिश्तेदार दिल्ली में बड़े भाई के पार्थिव शरीर को आगरा लाने के लिए मौजूद हैं।
गम के इस माहौल में घर में बंधी गाय भी है चुप कल से नही खाया चारा
गम के इस माहौल में घर में बंधी गाय भी चुप बैठी हैं। परिजनों ने बताया कि उसने भी कल से चारा नहीं खाया है। जब भी कौशल घर आते थे तो गाय को बहुत दुलारते थे। शहीद के स्मारक के लिए उनके परिजन जमीन देने को तैयार हैं। कहरई के पूर्व प्रधान व शहीद के रिश्तेदार सत्यप्रकाश रावत ने बताया कि उनके परिवार की घर के पास ही बेशकीमती जमीन है। वह भाई के स्मारक के लिए सरकार से कोई जमीन नहीं मांगेंगे।
- परिवार अपनी जमीन पर ही स्मारक बनवाएगा।
- उन्होंने डीएम से स्मारक की अनुमति जल्द देने की मांग भी की।
- परिवार का बड़ा बेटा रूस में डॉक्टरी की पढ़ाई कर रहा है।
- शुक्रवार देर रात वह आगरा पहुंच गया।
- विभिन्न शहरों से अन्य रिश्तेदार भी देर शाम अथवा रात तक आगरा पहुंच गए।
- परिजनों ने बताया कि शहीद का अंतिम संस्कार घर के पास ही उनकी देवभूमि पर किया जाएगा।
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