राजधानी में स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद में निरंतर इजाफा हो रहा है. राजधानी के सभी सरकरी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. साथ ही स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.वही मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर और नर्स भी अब इससे अछूते नहीं रहे हैं. बीते दिनों जहाँ kgmu के क्वीन मैरी अस्पताल की एक डॉक्टर इसकी चपेट में आ गयी थी वही अब बलरामपुर अस्पताल की एक स्टाफ नर्स भी स्वाइन फ्लू से पीड़ित है.
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नहीं हो रहा आदेशों का पालन
- पीजीआई और केजीएमयू सहित सभी सरकारी अस्पतालों में स्वाइन फ्लू के मरीज बढ़ रहे है.
- बीते दिनों kgmu के क्वीन मैरी अस्पताल की एक डॉक्टर इसकी चपेट में आ गयी थी.
- उसके बाद स्वाइन फ्लू के इलाज में लगे डॉक्टर और नर्स आदि का वक्सीनेशन करने को कहा गया था.
- बावजूद इसके कुछ सरकरी अस्पतालों में इस आदेश का पालन नहीं किया गया.
- जिसके बाद अब बलरामपुर अस्पताल की एक स्टाफ नर्स भी इसकी चपेट में आ गई है.
- यहां पर दो मरीज स्वाइन फ्लू के भर्ती हुए हैं जिनमें एक 6 वर्षीय बच्चा भी है.
- जिसमें जांच के बाद स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई है.
- सूत्रों के अनुसार आज भी लगभग 76 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि की गई है.
- तमाम दावों के बावजूद अभी तक सभी डॉक्टरों व स्टाफ नर्सों को स्वाइन फ्लू वैक्सीनेशन नहीं किया गया है.
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- एक स्टाफ नर्स के स्वाइन फ्लू के चपेट में आने के कारण नर्सों में आक्रोश है.
- पैरामेडिकल स्टाफ भी इस घटना के बाद गुस्से में है.
- उनका कहना है बड़ी मुश्किल से N95 मास्क और वैक्सीन आई थी.
- वह भी अभी तक पूरी तरह नहीं लगाई जा चुकी है.
- फिलहाल स्वाइन फ्लू की चपेट में आने वाले मरीजों को आइसोलेशन कर इलाज किया जा रहा है.
- विभिन्न क्षेत्रों में स्वाइन फ्लू से पीड़ित मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है.
- सभी को दवा पहुंचाने का काम भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है.
- स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि स्वयं फ्लू को नियंत्रण में करने के लिए जागरुकता अभियान व्यापक तौर पर चलाया जा रहा है.
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