श्रावण मास के पहले सोमवार को प्रदेश के शिवालयों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह से ही श्रद्धालु शिवालयों में बाबा भोले के दर्शन के लिए उमड़ पड़े हैं। इलाहबाद, वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर समेत तमाम अन्य शहरों में श्रद्धालुओं द्वारा बाबा भोले की पूजा-अर्चना का क्रम सुबह से ही शुरु हो गया है। इस बीच पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए हैं।
- लखनऊ स्थित विश्व प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में भी बड़ी तादात में श्रद्धालु भगवान भोले शंकर का शहद और दूध से जलाभिषेक कर रहे हैं।
- इसके साथ ही भगवान भोले शंकर को प्रसन्न करने के लिए श्रद्धालु उन्हें कमल पुष्प, बेलपत्र, धतूरा और मदार अर्पित कर रहे हैं।
- सावन के पहले सोमवार के मौके पर राजधानी के सभी शिवालय और मंदिर ‘ॐ नम: शिवाय’ और ‘बम भोले’ के जयकारों से गुंजायमान हो उठे हैं।
- भोले बाबा के दर्शन व अभिषेक के लिए भक्त लंबी कतारों में खड़े हैं और बम-बम भोले के जयकारे लगा रहे हैं।
टूटी 700 साल पुरानी परंम्पराः
- इस बार महाशिवरात्रि पर लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में 700 साल पुरानी परंम्परा टूट गई है।
- पिछले 700 सालों से इस मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक गंगाजल से किया जाता रहा है।
- इस बार यह परंपरा टूट गई है। शिवलिंग का जलाभिषेक तो हुआ, लेकिन गंगाजल से नहीं गोमती के पानी से।
- जब से लखनऊ में मनकामेश्वर मंदिर की स्थापना हुई है ऐसा पहली बार किया गया है।
- लखनऊ के मनकमेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर सोमवार को पहली बार शिवलिंग का जलाभिषेक गोमती के पानी से किया गया।
- गोमती के पानी से जलाभिषेक की नई परंम्परा डाली है मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने।
- उन्होने बताया कि गोमती के पानी से भगवान शिव का अभिषेक कर यह सन्देश देना चाहते हैं कि देश की नदियों को स्वच्छ रखना कितना जरुरी है।
- महंत गिरी ने बताया कि गोमती के पानी की क्वालिटी में भी काफी सुधार आया है।
- उन्होने कहा कि हम चाहते हैं कि गोमती की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए लोगों की धार्मिक आस्था को भी इससे जोड़ा जाए।
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