लोकसभा चुनाव में हमेशा कांग्रेस का पलड़ा भारी रहता है
भाजपा संगठन की बड़ी निष्क्रियता उजागर , वित्त मंत्री द्वारा दिये गए ढाई करोड़ में एक रूपये का प्रस्ताव न भेज पाई भाजपा
- रायबरेली: 70 वर्षों के विकास के दावों पर हमेशा कांग्रेस पर हमलावर होकर विकास की गाथा गाने वाली भाजपा के दावों की अगर हकीकत देखी जाए |
- तो ऐसा लगता है को कहीं न कहीं खुद भाजपा का समुद्र रूपी संगठन विकास के नाम पर सिर्फ डींगें हांकने का काम कर रहा है
- और लगातार भाजपा पर लगने वाले जुमलेबाजी के आरोप सच साबित होते दिखते हैं
- ये हम नहीं बल्कि कांग्रेस के गढ़ रायबरेली के सरकारी आंकड़े कह रहे हैं।
संगठन की बड़ी निष्क्रियता उजागर
- दरअसल रायबरेली जनपद हमेशा से कांग्रेस का गढ़ मन जाता रहा है
- और लोकसभा चुनाव में हमेशा कांग्रेस का पलड़ा भारी रहता है
- उसकी खास वजह है कि कहीं न कहीं कांग्रेस के इमोशन यहाँ की जनता से जुड़े हुए हैं
- और इस बात को हम विकास के आंकड़ों से जोड़ें तो भी यह सच साबित होते हैं
- मगर चुनावी वर्ष में यहां भाजपा ने उस समय घुसपैठ करने की कोशिश को जब लगभग तीन माह पूर्व भाजपा के राज्यसभा सांसद व देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ढाई करोड़ का बजट
- अपनी निधि से देकर विकास कराने के लिए देने की घोषणा कर दी।
तो क्या लड़ाई के पहले ही वाकओवर ?
- रायबरेली में बड़े जोर शोर से भाजपाइयों ने वित्त मंत्री को विकास पुरुष बताते हुए
- ढाई करोड़ से रायबरेली की जनता को विकास की गंगा में डुबो देने की गाथा शुरू कर दी
- मगर बजट आने के महीनों बाद तक अब भी एक रूपये के कार्य का प्रस्ताव भाजपाइयों द्वारा अबतक नहीं दिया जा सका है
- और वित्त मंत्री द्वारा भेजी गई राशि खाते में पड़े होकर विकास करती नजर आ रही है
- इस बाबत भाजपा की जिला उपाध्यक्ष अनीता श्रीवास्तव का मानना है
- कि संगठन विस्तार में व्यस्तता प्रस्ताव न भेज पाने का बड़ा कारण है।
कांग्रेस विकास में अव्वल
- विकास के मामले पर जब रायबरेली में कांग्रेस की बात की जाए
- तो सांसद सोनिया गांधी द्वारा विगत 25 सितंबर को ही ढाई करोड़ का बजट दिया गया
- और कपिल सिब्बल व सतीश शर्मा को निधि खर्च होने के अलावा कांग्रेस ने 4 करोड़ से अधिक के प्रस्ताव और भेज दिए हैं।
जुमलेबाजी करती है भाजपा : अदिति सिंह
- वहीं जब पूरे मामले पर हमने कांग्रेस की दिग्गज नेता व सदर विधायक सुश्री अदिति सिंह से बात को तो उनका कहना साफ कहना था कि भाजपा व वित्त मंत्री सिर्फ राजनीतिक फायदे के लोई रायबरेली जे विकास की बात कर रहे हैं
- और देश की जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं मगर जनता अब जुमलेबाजी में नहीं आने वाली है।
- बड़ा सवाल यह है कि वित्त मंत्री के दिये गए बजट के बावजूद भी अगर भाजपाई प्रस्ताव भी नहीं बना पाए
- तो चुनाव में रणनीति बनाकर कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में कैसे लड़ाई लड़ेंगे यह देखने वाली बात होगी।
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