सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत अमोढ़ा गांव में अब तक नहीं हुआ कोई विकास
- अमोढ़ा गांव को सांसद हरीश द्विवेदी ने गोद लिया |
- गांववासियों को लगा कि अब उनका गांव सबसे अच्छा होगा |
- मगर, समस्याएं अब भी यहां बहुत हैं |
- यह सांसद आदर्श ग्राम ही नहीं बल्कि समग्र ग्राम भी है |
- हरीश द्विवेदी और क्षेत्रीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री राज किशोर सिंह के प्रयास के बावजूद शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं की बात तो दूर बल्कि बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी अब तक हर घर में नहीं पहुंच पाई।
- गांव के विकास के जो भी कार्य दिखाई दिए, उसे ग्रामीणों ने समग्र ग्राम विकास योजना का हिस्सा बताया।
- सांसद ने यहां क्या कार्य किये हैं, इसके सवाल पर ग्रामीणों ने ही नहीं बल्कि ग्राम पंचायत अधिकारी से लेकर बीडीओ तक ने चुप्पी साध ली है |
- विद्युतीकरण और बैंक की एक शाखा को यहां के लोग सांसद के प्रयास का प्रतिफल बताते हैं।
- सांसद आदर्श ग्राम योजना में सांसद को एक पिछड़े गांव को गोद लेकर सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिग, इंटरनेट, कौशल विकास जैसी योजनाओं को जमीन पर उतारकर इसे एक माडल गांव बनाना था।
यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में एक है
- सांसद ने ऐसे गांव को चुना, जो समग्र ग्राम विकास योजना में चयनित था।
- इसके पीछे सांसद का तर्क है कि यह ऐतिहासिक गांव प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है।
- उनके द्वारा गोद लिए जाने के बाद ही इसे एक सुनियोजित साजिश के तहत समग्र ग्राम में चयन कराया गया।
- हालांकि दोनों का चयन वर्ष एक ही है।
- गांव में विद्युतीकरण हो चुका है।
- कनेक्शन बांट दिए गए |
गांव और घरों से अब तक अंधेरा दूर नहीं हो पाया है
- मनरेगा और राज्य वित्त योजना के तहत 60 लाख रुपया तालाब सौंदर्यीकरण, सड़क तथा नाली निर्माण पर खर्च किया गया है |
- गांव की गलियां कीचड़ से सनी हैं, जलजमाव और गंदगी की समस्या यथावत है |
- काम की मंद गति के अलावा विभागों में समन्वय का अभाव भी दिखाई दिया |
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल स्वच्छता से बात शुरू करें तो आदर्श गांव अमोढ़ा में तीन सौ शौचालय बनाए गए हैं |
- मगर इनका उपयोग ग्रामीण नहीं कर पा रहे हैं।
- शौचालयों में कहीं छत, कहीं दरवाजा तो कहीं सीट ही गायब है।
स्वच्छता अभियान बना मजाक
- आदर्श ग्राम की कल्पना फलीभूत करने में जितनी प्रगति होनी चाहिए वह अमोढ़ा में नजर नहीं आती |
- इसके पीछे मुख्य वजह जिम्मेदारों की उपेक्षा है |
- देशी हैंडपंपों से बुझ रही प्यास |
- हर घर को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की योजना भी अधर में है |
- 56 इंडिया मार्क हैंडपंप के अलावा पानी की टंकी स्थापित की गई |
- पेयजल लाइनें डालकर गांव को संतृप्त दिखा दिया गया है |
हकीकत यह है कि पचास फीसदी आबादी अब भी देशी हैंडपंपों के सहारे है
- गांव के सुरेश कुमार को लोहिया आवास मिला, लेकिन वह उसमें ताला बंद कर गांव की पुरानी झोपड़ी में रहते हैं।
- वह बताते हैं कि बिजली का कनेक्शन और मीटर दरवाजे पर लगा दिया, लेकिन बिजली आती ही नहीं। शौचालय अधूरा है। ऐसे में कैसे रहें।
- डीएम नरेंद्र सिंह पटेल कहते हैं कि सांसद आदर्श ग्राम योजना में विकास के लिए कोई बजट तो आता नहीं।
- चूंकि अमोढ़ा गांव समग्र ग्राम भी है।
- लिहाजा यहां जो विकास दिखाई दे रहे हैं वह इसी में कराया गया है।
- गांव में स्वच्छ भारत मिशन के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
टूट रहा गरीबों का सपना
- रही बात अधूरी योजनाओं को पूर्ण दिखाए जाने की, तो टीम गठित कर इसकी जांच कराई जाएगी |
- दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होगी |
- सांसद हरीश द्विवेदी की माने तो अमोढ़ा में विकास के तमाम कार्य कराए गए हैं |
- समर्थन में प्रशासन द्वारा तैयार प्रगति का पत्र भी दिया |
- कहा दो साल पहले गांव में बिजली नहीं थी |
- 350 खंभों एवं 9 ट्रांसफार्मर के जरिए पूरे गांव को रोशन कर दिया |
- पंजाब नेशनल बैंक खुलवाया |
- दावा किया अब यहां का नजारा काफी हद तक बदल गया है।
- जो समस्याएं हैं उन्हें सूची बद्ध करा लिया है।
- इसे सांसद निधि से दूर किया जाएगा।
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