सांप्रदायिकता के बाद अब “प्रांतवाद” का जहर :

आपको बता दें कि 9 जनवरी 2018 को मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले की कौशिकी दास गुप्ता ने नौकरी ज्वाइन की है। इतिहास विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर की वे नौकरी करती हैं। लेकिन गैर-प्रांत से आई कौशिकी की नौकरी ओबीसी सेना की आंखों में चुभती हुई दिख रही है। कौशिकी को नौकरी मिले अभी एक महीना भी पूरा नही हुआ है। 27 जनवरी को उन्हें अपने ऑफिस में एक धमकी भरी चिठ्ठी मिली है। OBC सेना नाम के संगठन ने इस चिठ्ठी के जरिये धमकी दी है कि उसका चेहरा तेजाब डालकर जला दिया जाएगा। चिट्ठी में लिखा है कि उसे जो नौकरी मिली है, वह नौकरी OBC यानि अन्य पिछड़ा वर्ग के हिस्से की है।

दहशत में है पीड़िता :

ओबीसी सेना की धमकी से कौशिकीदास गुप्ता इतनी डरी हुई है कि उन्होने विश्वविद्यालय को नौकरी छोड़ने की पेशकश कर दी है। इसी डर के चलते वह किसी से बात नहीं कर रही है। उनके पति मरीन इंजीनियर है और विदेश में रहते हैं। विश्वविद्यालय के अफसरों ने कौशिकी की शिकायत के बाद उन्हें 2 पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए मुहैया कराये है और अब इतिहास विभाग में सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जा रहे है। मेडिकल थाना पुलिस ने कौशिकी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज करके अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली है।

 

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