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खाद्य रसद विभाग की बायोमेट्रिक राशन वितरण प्रणाली में सेंध

Three Accused Arrested by STF for Fraud Food and Civil Supplies Department

Three Accused Arrested by STF for Fraud Food and Civil Supplies Department

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उप्र ने खाद्य एवं रसद विभाग के डेटा सर्वर में छेड़छाड़ कर अनाधिकृत व्यक्ति के आधार संख्या का प्रयोग कर राशन वितरण की प्रक्रिया पूर्ण करने वाले 3 अभियुक्तों को वजीरगंज थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कॉलेज चौराहे के पास से गिरफ्तार करने में उल्लेखऩीय सफलता प्राप्त हुई है। अभियुक्तगणों के विरूद्ध थाना-साईबर एसटीएफ उप्र लखनऊ में धारा 420, 467,468, 34 भादवि तथा 66 आईटी एक्ट के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराकर वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। एसटीएफ को अभियुक्तों के पास से अदद डेस्कटाप कम्प्यूटर, सीपीयू और 2 ई-पास मशीन बरामद हुई हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग ने डीजीपी से की थी शिकायत [/penci_blockquote]
उप्र के शहरी क्षेत्रों में राशन कोटेदारों की दुकानों पर ई-पास मशीनों से राशन कार्ड लाभार्थियों को किये जाने वाले आधार संख्या आधारित आवश्यक वस्तु वितरण हेतु एनआईसी उप्र के माध्यम से UIDAI की आधार बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। प्रदेश के अधिकांश जनपदों में उक्त तकनीकी का दुरूपयोग कर वास्तविक लाभार्थी के स्थान पर अनाधिकृत व्यक्ति के आधार संख्या का बार-बार प्रयोग कर उक्त वितरण प्रणाली से कतिपय दुकानदारों, आपरेटरों, पूर्ति निरीक्षकों द्वारा साठ-गांठ कर डेटाबेस में छेड़छाड़ करते हुए अवैध अर्थिक लाभ प्रदान करने की सुचना प्राप्त हो रही थी। इन सूचनाओं के सत्यापन तथा ई-पास राशन वितरण में आधार संख्या के प्रमाणीकरण के सुविधा के दुरूपयोग को रोकने तथा इसमें संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग, उप्र शासन के पत्र के सम्बन्ध में ओपी सिंह पुलिस महानिदेशक उप्र लखनऊ द्वारा अमिताभ यश पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ उप्र को निर्देेशित किया गया। इसी क्रम में एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह द्वारा पुलिस उपाधीक्षक आलोक सिंह एवं पुलिस उपाधीक्षक पीके मिश्र के नेतृत्व में एक जाॅच टीम गठित कराकर अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एक ही आधार कर प्रयोग कई बार राशन निकालने के लिए किया गया[/penci_blockquote]
इस प्रकरण की जाॅच एवं विश्लेषण हेतु अपर आयुक्त खाद्य एवं रसद विभाग उप्र से शहरी क्षेत्र के राशन दुकानों में किये गये बायोमैट्रिक्स के वितरण का विवरण, दुकानों का विवरण तथा कम्प्यूटर आपरेटर/पूर्ति निरीक्षक का विवरण उपलब्ध कराया गया। खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा उन ट्रान्जेक्शनों का विवरण दिया गया, जिनमें एक ही आधार संख्या का उपयोग माह में राशन निकालने के लिए एक से अधिक बार किया गया था। साथ ही इन राशन कार्डों में आधार संख्या को राशन निकालने के पहले एवं बाद में अपडेट/एडिट किया गया था। इस प्रकार के डेटा के विश्लेषण से पाया गया कि एक ही आधार संख्या एक ही दुकान में कई बार, भिन्न-भिन्न दुकानों में कई बार तथा कई जनपदों में एक ही आधार संख्या प्रयोग किया जाना पाया गया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ई-पास मशीन में लगवाया जाता है अंगूठा[/penci_blockquote]
खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा ये बताया गया कि ई-पास मशीन से वितरण के लिए उपभोक्ता के राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष अंकित आधार के धारक द्वारा ई-पास मशीन में अंगूठा लगवाया जाता है जो एनआईसी के सर्वर के माध्यम से UIDAI सर्वर पर जाकर प्रमाणिकता को दर्शाता है तत्पश्चात राशन के वितरण की प्रक्रिया पूर्ण होती है। खाद्य आयुक्त कार्यालय द्वारा बताया गया कि आधार के माध्यम से अधिक से अधिक राशन वितरण किये जाने हेतु निर्देशित किया गया, चूॅकि बहुत अधिक संख्या में आधार का सिडिंग नहीं हुई थी इस लिए जिलापूर्ति अधिकारी के पर्यवेक्षण में पूर्ति निरीक्षक/कम्प्यूटर आपरेटर को आधार फिडिंग/इडिटिंग के लिए उन्हे एक यूजर आईडी तथा पासवर्ड दिया गया, जो अपने राशनिंग क्षेत्र से सम्बन्धित राशन कार्ड धारको के आधार अपडेट/एडिटिंग करने के लिये थे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अंगूठा लगवाकर कर लिया जाता था ट्रान्जेक्शन [/penci_blockquote]
गिरफ्तार अभियुक्तों से की गयी पूछ-ताछ पर मालूम हुआ कि विभिन्न राशन कार्ड विक्रेता अपनी ई-पास मशीन को किसी एक जगह ले जाकर आपरेटर/पूर्ति निरीक्षक की लागिन आई0डी0 व पासवर्ड से खाद्य एवं रसद विभाग, उ0प्र0 की वेबसाईट fsc.up.nic.in foodportal.aspx पर जाकर राशन कार्ड मैनेजमेन्ट सिस्टम से वेबसाईट http://164.100.181.140f/csf/ood/manAccount/login.aspx को खोलकर लागिन किया जाता था और सम्बन्धित राशन विक्रेता का डेटा खोल लिया जाता था। राशन कार्ड के सापेक्ष आधार कार्ड को एडिट कर उसकी आधार संख्या डाली जाती थी, जो भौतिक रूप से वहाॅ मौजूद होता था, तत्पश्चात सेव कर लिया जाता था, जो खाद्य विभाग के (एनआईसी के माध्यम से) डेटा बेस में अपडेट हो जाता था, तत्पश्चात सम्बन्धित ई-पास मशीन में मौजूद व्यक्ति का उसी राशन संख्या के सापेक्ष अंगूठा लगाकर ट्रान्जेक्शन कर लिया जाता था, इसके बाद पुनः आधार कार्ड को पहले की तरह कर दिया जाता था। वहाॅ मौजूद आधार संख्या वाले व्यक्ति से इस प्रकार अनेक बार अंगूठा लगवाकर ट्रान्जेक्शन कर लिया जाता था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]लागिन आईडी एवं पासवर्ड का किया गया दुरूपयोग [/penci_blockquote]
इन ट्रान्जेक्शनों में ई-पास मशीन पर मौजूद वही व्यक्ति अंगूठा लगाता था, जिसका आधार कार्ड एडिट कर दिया गया था। यह आधार कार्ड एनआईसी के सर्वर पर उस राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष सुरक्षित हो जाता है और इसी कारण से आधार कार्ड और अंगूठा का प्रमाणीकरण UIDAI के सर्वर से हो जाता है और इस प्रकार ट्रान्जेक्शन पूर्ण हो जाता है तथा ट्रान्जेक्शन के पश्चात पुनः आधार संख्या को एडिट कर दिया जाता है। खाद्य विभाग/एनआईसी द्वारा बताया गया कि लाभार्थियों के आधार संख्या को राशन डेटाबेस में त्वरित गति से जोड़ने के लिए पूर्ति निरीक्षक/कम्प्यूटर आपरेटर को लागिन करने के पश्चात एक अलग विण्डो द्वारा यह सुविधा प्रदान की गयी थी। सेपरेट विण्डो से आधार संख्या को एडिट/अपडेट करने के लिए बनाई गयी व्यवस्था के प्रमाणीकरण की कहीं व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण इसका दुरूपयोग हुआ। साथ ही लागिन आईडी एवं पासवर्ड गोपनीय न होने की स्थिति में इसका दुरूपयोग किया गया। ज्ञात हो कि आधार कार्ड को एडिट करते समय किसी प्रकार का प्रमाणीकरण नहीं है, जबकि राशन कार्ड में नाम एडिट करते समय पूर्तिनिरीक्षक द्वारा डिजिटल सिग्नेचर किया जाना अनिवार्य है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अभियुक्त की स्वयं की है राशन की दुकान[/penci_blockquote]
अभियुक्त आमिर ने बताया कि उसकी स्वयं की राशन शाप है, जिसकी आईडी 10270087 है तथा उसके क्षेत्र की पूर्ति निरीक्षक संगीता और कौशलेन्द्र कुमार पाण्डेय तथा कम्प्यूटर आपरेटर उसका भाई अल्तमश है। इस सभी की लागिन आईडी तथा पासवर्ड उसके तथा अल्तमश के पास रहता है, जिसके माध्यम से खाद्य एवं रसद विभाग के साईड पर लाभार्थी के राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष आधार संख्या को बदलकर अपनी आधार संख्या 953911530015 करके अपना अंगूठा लगा देता था और ट्रान्जेक्शन प्रमाणीकरण के पश्चात पुनः वास्तविक लाभार्थी के आधार को पूर्ववत कर देता था। यह प्रक्रिया उसने अपनी दुकान मेें ई-पास मशीन पर माह जुलाई-2018 में लगभग 100 बार की है। इसके अलावा उसकी दुकान में धर्मेन्द्र सिंह, योगेश द्विवेदी, राजकुमारी, रामचन्द्र चैधरी, शंकर प्रसाद, शिव प्रकाश, संतोष रावत, सीमा गुप्ता, मेसर्स महिला उप समिति अपनी-अपनी ई-पास मशीन तथा उनसे सम्बन्धित पूर्ति निरीक्षक एवं आपरेटर के लागिन आईडी एवं पासवर्ड लेकर आते थे और उन पर भी वह अपना आधार संख्या एडिट कर फर्जी वितरण कर देता था। माह जुलाई में इन सभी मशीनों पर उसने लगभग एक हजार बार फर्जी वितरण किया है। इसी प्रकार अल्तमश ने बताया कि उसने अपने आधार संख्या 577302056105 का प्रयोग करने दुकानदार सम्पत लाल एवं रामकली के ई-पास मशीन पर लगभग 200 से अधिक बार फर्जी ट्रान्जेक्शन किया ये लोग भी अपने क्षेत्र के सम्बन्धित पूर्ति निरीक्षक एवं आपरेटर की लागिन आई0डी0 व पासवर्ड लेकर आते थे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पूर्ति निरीक्षक एवं आपरेटरों से साठ-गांठ आई सामने[/penci_blockquote]
अभियुक्त पुष्पेन्द्र पाल ने बताया कि उसने कम्प्यूटर की बेेसिक ट्रेनिंग का कोर्स एसपीआई दादरी से किया है। इसके अलावा दादरी स्थित नेम सिंह के साईबर कैफे में भी जाकर कम्प्यूटर पर काम करता रहता था, जहाॅ पर उसकी मुलाकात सोनू उर्फ राम कुमार से हुई, जिसने मुझे बताया कि मैं एरिया राशनिंग आफिसर के यहाॅ चालक का कार्य करता हॅू साथ ही उनके आफिस के कम्प्यूटर कार्योें में सहायता करता हूॅ और इसी दौरान उसनेे खाद्य एवं रसद विभाग की साईट पर डाटा अपलोडिंग एवं एडिटिग की प्रक्रिया समझ ली, कि यदि यहाॅ पर आधार नम्बर बदल कर फर्जी वितरण कर लिया जाय तो उसका कोई सत्यापन नहीं है। किन्तु इसके लिए लागिन आईडी एवं पासवर्ड की आवश्यकता है। लागिन आईडी एवं पासवर्ड के लिए उसने विभाग के लिए पूर्ति निरीक्षक एवं आपरेटरों से साठ-गांठ करके कामयाबी हासिल कर ली और इसी कार्य के लिये उसने मुझे तथा विजेन्द्र सिंह को लालच देकर इस काम में लगा दिया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष अनगिनत बार किया फर्जी ट्रान्जेक्शन [/penci_blockquote]
आरोपी ने बताया कि उसने ग्राम-अग्गापुर के सत्यपाल सिंह के कहने पर उनके घर पर ही जनपद-नोएडा की राशन विक्रेता उनकी पत्नी लीना सिंह, उनकी भाभी पूजा सिंह, गीता चैधरी, जितेन्द्र सिंह, जीत सिंह, देवेन्द्र, बबिता, रोहतास, शिवराज सिंह तथा बुलन्दशहर के प्रमोद की सरकारी राशन की दुकान के ई-पास मशीन पर अपना अंगूठा लगाकर उनके द्वारा उपलब्ध कराये गये राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष अपना आधार नम्बर 841837042433 बदलकर अनगिनत बार फर्जी ट्रान्जेक्शन किया है। सोनू उर्फ राम कुमार ने ही मेरा सम्पर्क जितेन्द्र उर्फ जित्ते गुप्ता से करा दिया था। मैं तथा विजेन्द्र सिंह उनके घर पर बैठकर लखनऊ के दुकानदार रामदास, ओम प्रकाश आहुजा, प्रमोद गौतम प्रवीण कुमार महाजन, महेश दत्त शुक्ला, मेसर्स महानगर उप (1) रामजी सिंह राम प्रकाश सरोज, शिव प्रकाश, विजय कुमार महाजन, सुरज नरायन गुप्ता की ई-पास मशीन पर अपने अंगूठे की छाप तथा उनके लाभार्थियों के राशन कार्ड आई0डी0 के सापेक्ष अंकित आधार को बदलकर मैं अपना आधार नम्बर 841837042433 बदलकर फर्जी वितरण कर लेता था, इस दुकानों में लगभग मैंने 1400 राशन कार्ड लाभार्थियों के सापेक्ष फर्जी वितरण अपने आधार से किया है। इस दौरान मैं जितेन्द्र गुप्ता के घर पर 15-15 दिन तक रूकता रहा हॅू।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इन अभियुक्तों की एसटीएफ द्वारा हुई गिरफ्तारी[/penci_blockquote]
1. मो आमिर खान पुत्र नौशाद अली, पता-210/32 बावर्ची टोला, थाना-वजीरगंज, जनपद-लखनऊ। (कोटेदार एवं अनाधिकृत आधार संख्या के सापेक्ष बायोमैट्रिक लगाने वाला।
2. मो. अल्तमश पुत्र नौशाद अली, पता-210/32 बावर्ची टोला, थाना-वजीरगंज, जनपद-लखनऊ। (कम्प्यूटर आपरेटर एवं अनाधिकृत आधार संख्या के सापेक्ष बायोमैट्रिक लगाने वाला।
3. पुष्पेन्द्र पाल पुत्र सुरेश सिंह ग्राम-पलिया, पोस्ट-रानीपुर, थाना-कुर्रा, जनपद-मैनपुरी। हालपता स्काट कालोनी, दादरी नोएडा (अनाधिकृत आधार संख्या के सापेक्ष बायोमैट्रिक लगाने वाला।

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