घातक बीमारी के रूप में पहचाने जाने वाला कैंसर देश में साल 2020 तक 17.30 लाख नये लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने यह जानकारी मंगलवार को बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘अपडेट इन कैंसर प्रिवेंशन एण्ड रिसर्च’ के उद्घाटन कार्यक्रम में दी। उन्होंने यह जानकारी भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के आकंड़ो के आधार पर कार्यक्रम में साझा करते हुए लोगों से सचेत रहने की अपील की।
- राज्यपाल राम नाईक ने तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी उद्घाटन समारोह में लोगों को संबोधित किया।
- उन्होंने कहा कि कैंसर रोगियों में चिकित्सीय उपचार के साथ-साथ प्रबल इच्छाशक्ति उत्पन्न करने की जरूरत है।
- कैंसर में रोगी के परिजनों एवं शुभचिंतकों के सहयोग से दवाओं के बेहतर परिणाम सामने आते हैं।
- कैंसर का इलाज महंगा और ज्यादा समय तक चलने वाला है,
- ऐसे में उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार को निर्धन रोगियों के उपचार में आर्थिक सहयोग देना चाहिए।
- उन्होंने कहा कि शोधकर्ता ऐसी पद्धति विकसित करें, जिससे रोगी को आधुनिकतम इलाज का लाभ कम खर्च में मिले।
- उन्होंने बताया कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के अनुसार 2020 तक कैंसर के लगभग 17.3 लाख नये मामले सामने आने की संभावना है।
- उन्होंने कहा कि रोगी के उपचार के साथ ही आम जनता में कैंसर से बचाव के तरीकों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है।
मुझे भी हो चुका है कैंसर
- राज्यपाल ने बताया कि 1994 में उन्हें कैंसर रोग हुआ था।
- टाटा अस्पताल के चिकित्सकों के परीक्षण के बाद कैंसर रोग का पता चला,
- लेकिन उचित देखभाल और परिवार व दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण वह कैंसर रोग को हराने में कामयाब हो गए।
बदलती जीवनशैली कैंसर का कारण
- इस दौरान निदेशक टाटा मेमोरियल हास्पिटल, मुंबई की डा. शुबदा वी.चिपलुंकर भी मौजूद थी।
- उन्होंने कहा कि लोगों में बदलती हुई जीवनशैली के कारण कैंसर रोग में बढ़ोत्तरी हो रही है।
- इसमें 40 प्रतिशत कैंसर तम्बाकू के प्रयोग से हो रहा है।
- तम्बाकू के प्रयोग को जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है।
- उन्होंने कहा कि कम खर्च में कैंसर का इलाज उपलब्ध कराना शोधकर्ताओं के लिये चुनौती का विषय है।
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