पुराने लखनऊ में टीले वाली मस्जिद के सामने चौराहे पर भगवान लक्ष्मण की भव्य प्रतिमा स्थापित की जानी थी. नगर निगम ने मूर्ति लगाने को लेकर प्रस्ताव भी पास कर दिया था. लेकिन आज मौलानाओं ने इसको लेकर विरोश शुरू कर दिया.
मस्जिद के सामने चौराहे पर लगनी हैं मूर्ति:
राजधानी लखनऊ की प्रसिद्ध टीले वाली मस्जिद के सामने लक्ष्मणपुरी में भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण की मूर्ति लगनी थी. इसके लिए कार्यकारिणी में बीजेपी पार्षद दल के नेता रामकृष्ण यादव और भाजपा पार्षदों के मुख्य सचेतक रजनीश गुप्ता ने प्रस्ताव भेजा था जिसके लखनऊ नगर निगम ने मंजूरी दे दी थी.
#Lucknow – लक्ष्मणपुरी में लक्ष्मण की मूर्ति टीले वाली मस्जिद के सामने लगनी थी, वहीँ नगर निगम ने मूर्ति लगाने का प्रस्ताव पास किया था, जिसके बाद मौलानाओं ने मूर्ति लगाए जाने का विरोध किया. @myogiadityanath @CMOfficeUP
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) June 30, 2018
नगर निगाम ने ये प्रस्ताव दो दिन पहले ही पास किया था. मूर्ति लगने को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गयी थी. लेकिन इसी बीच मौलानाओं ने लक्ष्मण की मूर्ति लगने के नगर निगम के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसका विरोध शुरू कर दिया.
मूर्ति टीले वाली मस्जिद के सामने चौराहे पर लगनी हैं. इसी बात को लेकर मौलानाओं ने इसका विरोध शुर कर दिया हैं और साथ ही मौलानाओं ने मूर्ति लगने से रोकने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं.
लालजी टंडन की किताब में भी उल्लेख:
बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद लाल जी टंडन की किताब से भी विवाद हो चुका हैं. उनकी प्राकशित पुस्तक अनकहा लखनऊ में उन्होंने लिखा है कि मशहूर “लक्ष्मण टीला” को तोड़ कर वहां टीले वाली मस्जिद का निर्माण हुआ.
जिसके बाद पार्षदों ने भी नगर निगम को लक्ष्मणपूरी में लक्ष्मण की मूर्ति लगाने का प्रस्ताव भेजा था. नगर निगम ने प्रस्ताव पास करते हुए लक्ष्मण की भव्य मूर्ति लगवाने के निर्देश दिए. उसकी के बाद मौलानाओं ने ये प्रतिक्रिया दी है.
गौरतलब है कि नगर निगम ने टीले वाली मस्जिद के सामने चौराहे के सामने मूर्ति लगवाने के अलावा अमीनाबाद के झंडेवाला पार्क में जनेश्वर मिश्र पार्क की तर्ज पर ऊंचा तिरंगा लगाने का भी प्रस्ताव पास किया था.