वैसे आप के दिमाग में ‘तिलिस्मी लोटा’ का नाम आता होगा तो दिमाग कुछ ना कुछ सोचने जरूर लगता होगा। कि आखिर यह ‘तिलिस्मी लोटा’ है क्या चीज? लेकिन यह एक ऐसे लोटे की कहानी है जिसे पाकर सब बिगड़े काम बनने लगते हैं। चलिए आप को बताते हैं इस नाटक की कहानी के कुछ अंश।
ईश्वर से मिली शक्तियों का नहीं करना चाहिए गलत इस्तेमाल
- नक्ष फाउंडेशन की ओर से आशीष पांडे के लिखे इस नाटक का निर्देशन तुषार बाजपेई और अल्तमश आजमी ने किया।
- नाटक की शुरुआत मुख्य भूमिका में आये मछेटू और पुनई की पिटाई से होती है।
- इस कहानी में मनमौजी मछेटू गांव के दबंग प्रधान जुग्धू से सामने चुनाव लड़ने की ठानता है।
- मछेटू बेरोजगारी से भी परेशान रहता है, वह अपनी बहन की शादी और अपनी शादी टोर्री से करना चाहता है।
- दबंग प्रधान इस बात से नाराज होकर अपने समर्थकों के साथ उसकी खूब पिटाई करता है।
- इसके बाद सीखप्रतिशोध की आग में जल रहा मछेटू भगवान श्री कृष्ण की रोज सोने से पहले तपस्या करता है।
- उसकी तपस्या से खुश होकर कृष्ण उसे एक ‘तिलिस्मी लोटा’ देते हैं।
- वह उसको कहते हैं इस लोटे का पानी पीकर जो भी मन्नत मानोगे वह पूरी होगी।
https://youtu.be/lNfSGaUgIRk
लोटे के लिए प्रधान करता है बाप-बेटी की हत्या
- लेकिन मछेटू को निजी स्वार्थ के लिए लोटे का इस्तेमाल करते देख प्रधान लोटा हासिल करने की चाल चलता है।
- प्रधान लोटा हासिल करने के लिए उसके बाप, बहन समेत उसके दोस्त पुनाई को मार देता है।
- मछेटू को पछतावा होता और वो भगवान से माफी मांगता है।
- भगवान उसे माफ करते हुए कहते हैं कि यह सब एक सपना था।
- सुबह से फिर तुम्हारी नई जिंदगी शुरू होगी।
- नाटक में कटाक्ष व्यंग्य और संवाद ने लोगों को खूब हंसाया।
- राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित इस नाटक में मुख्य रूप से आशीष पांडे, मिन्नी दीक्षित, तुषार बाजपेई, शेखर भारती, ताहिर आदि ने शानदार किरदार निभाए और नाटक का शानदार मंचन किया।
- इस हास्य नाटक ने सभी को सीख दी कि लोगों को अच्छे कामों को अपना पहला कर्तव्य समझना चाहिए।
- ईश्वर से मिली शक्तियों का इंसान को गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- अगर भगवान हमें कुछ दें तो उसे कठिन घड़ी में इस्तेमाल करना चाहिए ना कि निजी स्वार्थ्य के लिए।
यहां देखें कुछ तस्वीरें:
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