वादों तक ही सीमित पर्यटन विकास, जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता व विभाग की लचर कार्यशैली
- चित्रकूट/मार्कंडेय आश्रम : वादों तक सीमित पर्यटन विकास
- वादों तक ही सीमित रह गया यहां पर्यटन विकास, जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता व विभाग की लचर कार्यशैली के चलते आज भी उपेक्षित हैं |
- धार्मिक महत्व रखने वाले कई धार्मिक स्थान, मुख्यमंत्री योगी ने बुंदेलखंड के समेकित पर्यटन विकास मे किया था शामिल |
- फिर की जनपद की कई धरोहरें उपेक्षित, लगभग एक वर्ष पूर्व पर्यटन अधिकारी ने मार्कंडेय आश्रम के पर्यटन विकास हेतु डीपीआर वित्त पोषण हेतु भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय को प्रेषित करने की दी थी जानकारी |
- क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति मिलते ही विकास कार्य होगा प्रारंभ |
- लेकिन आज तक नहीं प्रारंभ हो सका आश्रम का विकास कार्य, आस्थावानों पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति आक्रोश |
- लोगों ने कहा चुनावी बयार चलते ही कई दिग्गजों का होता है आगमन, करते हैं पर्यटन विकास की बड़ी-बड़ी बातें |
- आश्रम मे मत्था टेक मांगते है विजय का वरदान, चुनाव जीतने के बाद भूल जाते सारे वादे, यही सिलसिला जारी।
- हर वर्ष मकरसंक्रांति पर्व पर मार्कंडेय आश्रम परिसर मे लगता है त्रिदिवसीय विशाल मेला |
- यहां आने वाले श्रद्धालुओं के सुविधाओं के नाम कुछ भी नहीं, ना एक हैंडपंप न शौचलय, मेन रात ड से आश्रम तक पहुंचने के लिए ठीक रास्ता भी नहीं।
- हर वर्ष फाल्गुन माह मे सैकड़ों की संख्या मे पहुंचता है संतो का जत्था, चौरासीकोस परिक्रमा कर रहे सैकड़ों की संख्या मे आए साधु करते हैं रात्रि विश्राम, एक अदद हैंडपंप भी नहीं।
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