उत्तर प्रदेश विधानमंडल में शुरू हुए मानसून सत्र के साथ ही राजधानी में धरना प्रदर्शन तेज हो गए हैं। विधानसभा चुनाव में भी अब कुछ ही महीनों का समय शेष है, ऐसे में विपक्षी दलों ने भी सरकार को सदन से लेकर सड़क तक घेरने की योजना बनाई है। लेकिन इन सब के बीच आमजन को भयंकर जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। बुधवार को राजधानी में कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन और भाजपा के विधानसभा घेराव के कारण ट्रैफिक व्यवस्था ध्वस्त हो गई।
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- गौरतलब है कि प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था को मुद्दा बना बीजेपी आज विधानसभा का घेराव कर रही है।
- हजारों की तादाद में बीजेपी कार्यकर्ता विधानसभा पर प्रदर्शन करने पहुंच रहें हैं।
- पुलिस बैरिकेडिंग और वाटर कैनन का इस्तेमाल कर के भीड़ रोकने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन भीड़ का काबू करना मुश्किल हो रहा है।
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- वहीं, शिक्षकों की बहाली के लिए बुधवार को माध्यमिक कम्प्यूटर शिक्षक भी विधानसभा का घेराव कर रहे हैं।
- इसके साथ ही लेखपालों और अन्य संगठनों का प्रदर्शन भी जारी है।
- इसका असर राजधानी से लगभग सभी मुख्य मार्गों पर देखने को मिल रहा है।
- हजरतगंज के अलावा पीजीआई, राजाजीपुरम और चिनहत तक कई किलोमीटर का लम्बा जाम लगा हुआ है।
- वैसे तो राजधानी में ट्रैफिक की समस्या आम बात है।
- सवाल यह है कि जब ट्रैफिक पुलिस को बुधवार को होने वाले प्रदर्शन और बीजेपी के विधानसभा घेराव के बारे में पहले से जानकारी थी।
- उसके बाद बी कोई वैकल्पिक व्यवस्था क्यो नहीं की गई।
लखनऊ में आईजी जोन ने ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए करायी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था।
बेबस नजर आया पुलिस-प्रशासनः
- लखनऊ में आये दिन रोडों पर जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है।
- ट्रैफिक को लेकर लखनऊ ट्रैफिक बड़े बड़े दावे करता है।
- मगर हकीकत ये है कि ट्रैफिक समस्या से आज भी लखनऊवासी परेशानी झेल रहे है।
- लखनऊवासियों को जाम से निजात दिलाने का लखनऊ ट्रैफिक पुलिस के पास न तो कोई रोड मैप है और न ही कोई उचित संचालन।
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