परिवहन विभाग ने राजधानी समेत प्रदेश के 318 बाबुओं का तबादला कर दिया है। एक साथ इतनी बड़ी तादाद में हुए तबादलों से आरटीओ कार्यालयों के बाबू तो परेशान हैं ही उनसे कहीं ज्यादा परेशान दलाल हैं। अपने चहेते बाबुओं के ट्रांसफर हो जाने से फिलहाल कुछ दिन के लिए आरटीओ कार्यालयों में दलालों की दुकानें बंद होना तय है। तीन से लेकर सात वर्षों तक एक ही स्थान पर जमें बाबुओं के जाने से और नए बाबुओं से तालमेल बिठाने में दलालों को समय लगेगा, जिससे अपना काम कराने के लिए आरटीओ कार्यालय आने वाली जनता कुछ दिन तक ठगी का शिकार नहीं होगी।
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ठगी से बचेगी आम जनता
- परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में तीन से सात साल तक एक ही स्थान पर रहने वाले बाबुओं की तबादला सूची जारी की।
- लखनऊ समेत सभी आरटीओ कार्यालयों में इन तबादलों से सन्नाटा सा छा गया है।
- जहां दूरदराज क्षेत्रों में अपने तबादले से बाबू परेशान थे वहीं उनसे ज्यादा परेशानी की लकीरें दलालों के चेहरों पर झलक रही थीं।
- वजह है कि कई सालों से कुर्सी पर काबिज बाबुओं से दलालों का अच्छा संपर्क स्थापित हो गया था।
- दलाल इन्हीं बाबुओं की मिलीभगत से बड़े-बड़े काम को बखूबी अंजाम दे देते थे।
- जितनी धन उगाही होती थी उसका महीने में बराबर का बंटवारा हो जाता था।
- अब दलालों के जाने पहचाने बाबुओं का तबादला हो गया है जिससे उनकी मुसीबतों में इजाफा हो गया है।
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- बाबुओं का स्थान बदल देने से अब आरटीओ कार्यालय में आए दिन आने वाली दलाली की शिकायतों में कमी आएगी।
- वहीं कार्यालय के अंदर बाबुओं की मिलीभगत से होने वाले काम पर भी रोक लग जाएगी।
- तबादले के बाद दूसरे जनपदों से आने वाले बाबुओं से करीबी बढ़ाने में दलालों को समय लगेगा।
- वहीं बाबू भी बहुत जल्दी दलालों पर विश्वास नहीं कर पाएंगे।
- इसका सीधा फायदा आरटीओ कार्यालय में काम कराने आने वाले लोगों को होगा।
- उनका बिना किसी अतिरिक्त पैसा लगाए काम हो जाएगा।
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