तीन तलाक रहेगा या नहीं इस पर आज सुप्रीम कोर्ट ऐतिहासिक फैसला (supreme court judgments) सुनाएगा। सुबह सुबह साढ़े दस बजे चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ इस पर अपना फैसला सुनाएगी।
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- पांच सदस्यीय टीम में न्यायमूर्ति कूरियन जोसफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
- पांच सदस्यीय संविधान पीठ तीन तलाक पर अपना फैसला सुनाएगी।
- गौरतलब है कि छह दिन की मैराथन सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पिछली 18 मई को संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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एक बार में तीन तलाक का प्रावधान नहीं होगा।
- गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोर्ट में दिए हलफनामा में कहा था कि वह निकाह के वक्त ही लड़के और लड़की को यह बताने के लिए एडवाइजरी जारी करेगा कि वे निकाहनामा में यह शर्त रख सकते हैं कि एक बार में तीन तलाक का प्रावधान नहीं होगा।
- तीन तलाक देने वालों का सोशल बायकॉट करने का भी प्रस्ताव बोर्ड ने अपनी मीटिंग में पारित किया था।
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- चीफ जस्टिस जे़ एस़ खेहर की अगुआई वाली बेंच साफ कर चुकी है कि पहले यह तय किया जाएगा कि तीन तलाक और निकाह हलाला की परंपरा क्या इस्लाम धर्म के मूल तत्व हैं।
- सुनवाई के दौरान अदालत फैसला देगी कि क्या तीन तलाक संविधान के तहत धर्म को मानने के लिए लागू करने योग्य मौलिक अधिकार का हिस्सा है।
- सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि तीन तलाक धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े मौलिक अधिकार का हिस्सा है तो वह कोई दखल नहीं देगा।
- लेकिन अगर इससे महिलाओं के मौलिक अधिकारों का हनन होता है, तो फिर इस पर फैसला सुनाया जाएगा।
- बहुविवाह का (supreme court judgments) मामला फिलहाल बहस का मुद्दा नहीं है।
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