एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने राजधानी लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र से नकली नोट छापने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे हजारों रूपये के नकली नोट और स्कैनर व प्रिन्टर सहित गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलाता प्राप्त की गयी। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना चिनहट में मु.अ.सं. 808/2018 धारा 489ए/489बी/489सी भादवि का अभियोग पंजीकृत कराकर अग्रिम कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, विगत काफी दिनों से एसटीएफ उत्तर प्रदेश को जाली भारतीय नोट देश के विभिन्न प्रान्तों में आपूर्ति किए जाने एवं नकली नोटों को छापने वाले गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाये प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह द्वारा विभिन्न इकाईयों/टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन मे सत्यसेन, पुलिस उपाधीक्षक के पर्यवेक्षण में एसटीएफ मुख्यालय की एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी। अभिसूचना संकलन के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि नकली नोट छाप कर उसका प्रचलन करने वाले लोगों का एक गैंग लखनऊ में सक्रिय है। यह लोग नकली नोटों की छपाई करके उसे बाजार में असली नोटों के रूप में चला रहे हैं।
अभिसूचना संकलन के क्रम में मुखबिर द्वारा सूचना दी गयी कि इस गिरोह का एक सदस्य अपने दूसरे सदस्य से नोट लेने के लिए देवा रोड के पास राय इन्क्लेव के गेट के पास आने वाला है। इस सूचना पर एसटीएफ की एक टीम निरीक्षक बिजेन्द्र शर्मा एवं निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में मय मुखबिर बताये गये स्थान पर पहुँचे तो राय इन्क्लेव गेट के पास एक व्यक्ति खड़ा मिला, जिसके थोड़ी ही देर के बाद एक और व्यक्ति आ गया। मुखबिर द्वारा इशारे से बताया गया कि यही दोनों व्यक्ति है जो नकली नोट का कारोबार करते हैं। इस पर एसटीएफ टीम ने बिना समय गंवाये उक्त दोनों व्यक्तियों को न्यूनतम आवश्यक बल प्रयोग कर गिरफ्तार कर लिया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।
गिरफ्तार अभियुक्त देशराज यादव ने पूछताछ पर बताया कि वह इससे पूर्व एक कार्ड छापने वाली प्रिन्ट प्रेस में कार्ड की छपाई का कार्य करता था तथा उसमे कोरल का साफ्टेवयर इस्तेमाल करता था। कोरल के साफ्टवेयर में काम करने के कारण उसे नोट छापने का तरीका आया और वह एक वर्ष से इस प्रकार के नकली नोट छाप कर बाजारों में चला रहा है। वह छोटे 100 व 50 के नकली नोट छापता था चूँकि यह बाजार में आसानी से चल जाते थे क्योंकि 100 व 50 के असली नोटों को लोग इनको ठीक से देखते भी नही थे, जिसके कारण उनके द्वारा बनाये गये नकली नोट आसानी से चल जाते थे।
अब तक लगभग 9 लाख रूपये के नकली नोटों को छाप कर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में खपा चुका है। वह नकली नोटों को उदय शर्मा उर्फ मोटू निवासी हैदरगढ़, बाराबंकी व दिनेश शर्मा पुत्र नागेन्द्र शर्मा निवासी नई बस्ती, अर्जुनगंज, बाराबंकी जो जीपीओ के पास पेट्रोल टंकी पर काम करते है, के साथ 60-40 के अनुपात में कार्य करता है। हम लोग एक स्थान पर ज्यादा दिन नही रूकते हैं और 20-25 में कार्य करने के पश्चात् हम लोग दूसरा स्थान बदल लेते हैं और यह कार्य करते रहते हैं। उसने 2000, 500 व 200 के नोटों को छापने का प्रयास किया परन्तु उसकी प्रिन्टिंग सही न होने के कारण उसमें सफलता नहीं मिल पा रही थी।
पूछताछ में प्रकाश में आये अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण[/penci_blockquote]
1- देशराज यादव पुत्र गया प्रसाद निवासी पूरे डाला थाना सुबेहा जनपद बाराबंकी, हालपता भारत गेस्ट हाऊस थाना चिनहट, लखनऊ।
2- रामरतन शर्मा पुत्र चन्द्रपाल शर्मा निवासी पुखरनी थाना भमौरा जनपद बरेली, हालपता भारत गेस्ट हाऊस थाना चिनहट, लखनऊ।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]गिरफ्तार अभियुक्तों से बरामदगी[/penci_blockquote]
1. 100 के 67 नोट, 200 के 9 नोट व 50 के चार नोट कुल 8700 रूपये के नकली नोट।
2. 2000, 500, 100, 50, 20 व 10 के अर्द्ध निर्मित नोट के कुल 112 वर्क। प्रत्येक वर्क में 03-03 नोट छपे हुए है। इस प्रकार 336 अर्द्ध निर्मित नोट।
3. 1300 रूपये असली नोट।
4. एक प्रिन्टर स्कैनर।
5. एक ई-रिक्शा।
6. एक पेपर कटर।
7. तीन मोबाइल फोन, 6 अलग-अलग कम्पनी के सिम।
8. 112 वर्क आधे बने नकली नोट।
9. 3 अदद कार्टेज टोनर, कलर सिरिंज आदि।
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